Holashtak 2020: आठ दिन का होलाष्टक 2 मार्च से हो रहा है शुरू, भूल कर भी नहीं करें ये 5 काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 11:26 AM2020-02-26T11:26:42+5:302020-02-26T18:31:57+5:30

Holashtak: इस साल 2 मार्च, 2020 से लगने वाला होलाष्टक 9 मार्च को खत्म होगा। 8 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक को अशुभ माना गया है।

Holashtak 2020: start and end date, what to do and what no during Holashtak | Holashtak 2020: आठ दिन का होलाष्टक 2 मार्च से हो रहा है शुरू, भूल कर भी नहीं करें ये 5 काम

Holashtak 2020: होलाष्टक 2 मार्च से हो रहा है शुरू

HighlightsHolashtak 2020: होलाष्टक की शुरुआत 2 मार्च से, 9 मार्च को होगा खत्महिंदू मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक के दौरान शुभ काम करने की मनाही है

Holashtak:होली से पहले आठ दिनों तक चलने वाला होलाष्टक इस बार 2 मार्च से शुरू होने जा रहा है। हिंदू धर्म में होलाष्टक के दिनों को अशुभ माना गया है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है। इसका समापन फाल्गुन की पूर्णिमा को होता है और फिर इसी दिन होलिका दहन की भी परंपरा है। 

इस लिहाज से इस साल 2 मार्च, 2020 से लगने वाला होलाष्टक 9 मार्च को खत्म होगा। एक पौराणिक कथा के अनुसार प्रह्लाद की भक्ति से नाराज होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले के आठ दिनों में उन्हें अनेक प्रकार के कष्ट और यातनाएं दीं। इसलिए इसे अशुभ माना गया है।

Holashtak 2020: होलाष्टक में नहीं करने चाहिए ये 5 काम

शादी: ये किसी के भी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण लम्हों में से एक होता है। यह वो मौका होता है जब आप किसी के साथ पूरा जीवन व्यतीत करने के वादे करते हैं। यहां से जिंदगी का एक अलग पन्ना भी शुरू होता है। इसलिए शादी को बहुत ही शुभ माना गया है। यही कारण है कि हिंदू धर्म मे होलाष्टक में विवाह की मनाही है। मान्यता है कि इन दिनों में किसी भी हाल में विवाह का कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए।

नामकरण संस्कार: किसी नवजात बच्चे के नामकरण संस्कार को भी होलाष्टक में नहीं किया जाना चाहिए। हमारा नाम ही पूरे जीवन के लिए हमारी पहचान बनता है। नाम का असर भी हमारे जीवन पर अत्यधिक पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इसे शुभ काल में किया जाए।

विद्या आरंभ: मान्यताओं के अनुसार बच्चों की शिक्षा की शुरुआत भी इस काल में नहीं की जानी चाहिए। शिक्षा किसी के भी जीवन के सबसे शुभ कार्यों में से एक है। इसलिए जरूरी है कि जब अपने बच्चे को किसी गुरु के देखरेख में दिया जाए तो वह शुभ काल हो। इससे बच्चे की शिक्षा को लेकर अच्छा असर होता है और तेजस्वी बनता है।

संपत्ति की खरीद-बिक्री: ये कार्य भी होलाष्टक काल में नहीं किया जाना चाहिए। इससे अशांति का माहौल बनता है। संभव है कि आपने जो संपत्ति खरीदी या बेची है, वह बाद में आपके लिए परेशानी का सबब बन जाए। इसलिए ऐसी मान्यता है कि कुछ दिन रूककर और होलाष्टक खत्म होने के बाद ही इन कार्यों में हाथ लगाएं।

नया व्यापार और नई नौकरी: आप नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं या फिर कोई नई नौकरी ज्वाइन करना चाहते हैं तो बेहतर है इन दिनों में इसे टाल दें। आज की दुनिया में व्यवसाय या नौकरी किसी के भी अच्छे जीवन का आधार है। इसलिए होलाष्टक के बाद इन कार्यों को करें। इससे सकारात्मक उर्जा आपके साथ रहेगी और आप सफलता हासिल कर सकेंगे। 

Web Title: Holashtak 2020: start and end date, what to do and what no during Holashtak

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