हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पहला महीना चैत्र होता है और दूसरा महीना वैशाख होता है। स्कंद पुराण में वैशाख को सभी मासों में उत्तम बताया गया है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं। पुराणों में कहा गया है कि वैशाख में सूर्योदय से पहले जो व्यक्ति नदी में स्नान करता है और व्रत रखता है, भगवान विष्णु उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं। इस साल 2018 वैशाख मास का प्रारंभ 12 अप्रैल, बुधवार से होगा, जो 10 मई, बुधवार तक रहेगा।
वैशाख मास का महत्व इसलिये भी माना जाता है क्योंकि इसी मास में भगवान विष्णु के अवतार जिनमें नर-नारायण, भगवान परशुराम, नृसिंह अवतार और ह्यग्रीव आदि अवतार अवतरित हुए थे। मान्यता है कि देवी सीता भी इसी मास में धरती माता की कोख से प्रकट हुई थी। स्कंद पुराण में लिखा है कि महीरथ नाम के राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इसमें व्रती (व्रत रखने वाला) को प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थ स्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए-
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वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:।अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।
इस दिन जरूर करें ये उपाय
1. वैशाख के मास मे रोज वैशाख व्रत की कथा सुननी चाहियें तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप 108 बार करना चाहिए।2.जो भी इस महीने व्रत रखता है उसे एक टाइम ही भोजन करना चहियें। और सात्विक बिना लहसुन प्याज वाला भोजन करना चाहिए।3. वैशाख मास मे जल दान का विशेष महत्व है इसलिये इस महीने मे प्याउ लगवाना चाहिए।4. वैशाख मास मे पंखा, तरबूज, छाता, अनाज आदी का दान करना चाहिए।5. इस मास मे तेल लगाना, दिन मे सोना, कांसे के बर्तन मे खानाखाना, दो बार भोजन करना मना है।6. इस दिन पुत्र की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के लिए व्रत रख सकते हैं।