Hariyali Teej 2023: पहली बार रखने जा रही हैं हरियाली तीज व्रत तो जरूर करें ये काम, प्रसन्न हो जाएंगे भोलेनाथ
By अंजली चौहान | Published: August 8, 2023 03:10 PM2023-08-08T15:10:53+5:302023-08-08T15:12:41+5:30
हरियाली तीज, जो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का जश्न मनाती है, सावन (श्रावण) महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन आती है।
Hariyali Teej 2023: हिंदू धर्म को मानने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए हर व्रत, पर्व का खास महत्व है। अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं कई व्रत रखती है लेकिन हरियाणी तीज का खास महत्व है जिसे सुहागिन महिलाएं जरूर रखती है।
माता पार्वती और शिव को समर्पित हरियाली तीज के दिन औरतें व्रत संकल्प लेकर पूरे दिन उपवास कर माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती है। इस साल 19 अगस्त को हरियाली तीज पड़ने वाली है।
हरियाली तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है और शिव-पार्वती की तरह की सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना करती है। ऐसे में जो महिलाएं पहली बार हरियाली तीज का व्रत करने वाली हैं उनके लिए इस व्रत के नियम और कुछ अहम बातें जानना जरूरी है।
हरियाली तीज के दिन करें ये काम
हरियाली तीज के दिन व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को सुबह-सुबह नहा कर सोलह श्रृंगार करना चाहिए। हिंदू धर्म में 16 श्रृंगार का विशेष महत्व है ऐसे में इस दिन महिलाएं लाल या हरे वस्त्र धारण करते हुए पूरा श्रृंगार करें। इस दिन हाथों पर मेंहदी लगानी चाहिए।
पूरे दिन निर्जला व्रत करना करें और मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें। ध्यान रहे की पार्वती माता की पूजा करते समय आपकी पूजा की थाली में पूरा श्रृंगार का समान होना चाहिए जिसे माता को अर्पित करना होता है और इसके साथ ही सिंदूर भी माता के चरणों में चढ़ाएं। इस दिन शिव पार्वती की साथ में पूजा करें।
हरियाली तीज के दिन न करें ये काम
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को कभी भी काले और सफेद वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। इस दिन काली चूड़ियां पहनना शुभ नहीं होता न काला सफेद रंग शुभ माना जाता है। व्रत रखने वाली महिलाएं किसी भी खाद्य पदार्थ का भूलकर भी सेवन न करें।
हरियाली तीज के दिन अपने पति से किसी भी बात को लेकर बहस न करें या लड़ाई न करें। ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता।
पहली बार कैसे लें व्रत का संकल्प?
हरियाली तीज का पहला व्रत उठाते समय सुहागिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। संभव हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।
साफ कपड़े पहनकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। भगवान के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प ले और अपना व्रत शुरू करें। अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख सकती तो फलहार व्रत का संकल्प लें।
(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)