लाइव न्यूज़ :

Hanuman Jayanti: बड़े से बड़े संकट का निवारण है श्री हनुमान अमृतवाणी, यहां पढ़ें

By उस्मान | Updated: April 19, 2019 12:47 IST

इसमें हनुमान जी के जीवन का सार छुपा है जिसे पढ़ने से जीवन में प्रेरणा मिलती है। कहते है हनुमान चालीसा को डर, भय, संकट या विपत्ति आने पर पढ़ने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति पर किसी तरह का संकट छाया है तो उस व्यक्ति को हनुमान अमृतवाणी का पाठ करना चाहिए।

Open in App

हनुमान जयंती पर अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से बजरंगबली खुश होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। हिंदू धर्म में हनुमान अमृतवाणी का बहुत महत्त्व है। ऐसा माना जाता है कि इसे पढ़ने और सुनने से व्यक्ति खुद अपनी शक्ति और भक्ति का आंकलन कर सकता है। 

इसमें हनुमान जी के जीवन का सार छुपा है जिसे पढ़ने से जीवन में प्रेरणा मिलती है। कहते है हनुमान चालीसा को डर, भय, संकट या विपत्ति आने पर पढ़ने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति पर किसी तरह का संकट छाया है तो उस व्यक्ति को हनुमान अमृतवाणी का पाठ करना चाहिए। इसस उसके जीवन में शांति आती है। साथ ही बुरी शक्तियों से मुक्ति मिल जाती है।

पंडित दिवाकर मानते हैं कि परमात्मा का सदा शुक्राना करते रहना जरूरी है। जप यज्ञ में शामिल होने के लिए भी परमात्मा की मेहर की जरूरत होती है। पुण्य कर्मो के कारण ही हमें सब सुखों के साधन और संतो का संग मिलता है। 

श्री हनुमान अमृतवाणी (Shri Hanuman Amritwani in Hindi)

आदी सक्ती के लाडले राम भक्त सेर मोहसंकट मोचन आप से विनती करुं जो

रुद्र वेस संसार सुवन पवनपुत्र बलवान ।।जय संपत मोचन प्रभु बजरंगी हनुमान

दीन दुखारी आ गिरी डार तेरे शिर नाथदै दै डट्टी सी चमन के दीजो कस्त मितै

जय संपत मोचन भगवन जय बजरंगी जय हनुमानजय बजरंगी जय हनुमान जय जय राम नाम के प्यारेजय अंजनी सुत पपवन दुलारे

सिध काज सब करौ हमरे पद्युन नाथ मुख्य चरन तुम्हारमांड मति बालक अंजन जय संकाश मोचन भावन

चारो वेदों न यश गया शंकर जी डमरू खड़कायाभैरो जी ने नाद बजाया गंधारो न राग सूनाया

नारद वीणा लागे बाजने जय संकाश मोचन भवानरहहु केतु नव गर भैरि बृहस्पति मंगल सानि बलकारी

जिसेप होवे कृपा तुम्हारि रहत है सो सदा सुखारीचामके तेज सुराज के सामन जय संपत मोचन भवान

मेरी इज्जत हाथ तुहारे जान मुख्य अब किसके द्वारकातो संकटा आप हमरे तुम हो प्रानो से प्यार

दया करै ई दिनै निधां जय संतक मोचन भगावांदुनि‍या के दूखने ना देना अउ कोनो मेरी जान ना देना

कस्त से मेरा मन ना डोले केसी लगे लगे न खोलेसदा राखे कर्ता गुनगान जय संकाश मोचन भावन

कोइ बिगडेगा क्या मेरा जब है मेरा सहारा तेराकयोन विकरोन न मुजको घेरा है करो तुम बेदा मेरा

तम हो सबसे शक्तिमन जय संकाश मोचन भावनतेरे दर पर आउँ कौन से दर्शन तेरा कौन हैजय बजरंगी जय हनुमान

होला के हल सौन कौस दुखीया दिल समुझुन कइसेआप हो सब जानि जन जय संतन मोचन भवान

पैठ करे नित बेद ब्याहे कीर्तन महा मंत्र का गाएजो भक्ति श्रद्धा से धाय उसे न कोई संकते आय

दर्शन हवन हनुमान जय संपत मोचन भवानसुकल पाक का मंगल ऐवे बजरंगी का बरत करावे

संकट मोचन की बंदूक ने भोग लग परसादी पावेकरिंजर बजरंगी कल्यान जय संकाश मोचन भवान

संकट मोचन मंदिर जाके चमन प्रीमियर से सीस झूकेविनव सुनै गहरे जलके दो पखवारे नियम बनकेमुन मन पावे वरदान

जय संपत मोचन भगवानश्राद्ध या विस्वास में पूजा का आधारकरे यदी सुना पात की हो जाए सो पलारशक्ति को बजरंग है भक्ति को हनुमानकस्त मिताने के लिऐ है संक मोचन जापसंकट मोचन कहे सब संचित मिट जायचमन अभागे देव हैं जो ना श्रद्धा लावेजय संपत मोचन भगवानजय बजरंगी जय हनुमान

बजरंग इधर भी धयान धरो दर्शन दे कर कल्यान करोसरनागत की रंक लाज प्रभु सब देवन की सरताज प्रभु

मेरे भाई आराजो काज प्रभु संकट मोचन महाराज प्रभुम्हारे दुःख परिछन करौ बजरंग इधर भायण धरोजय बजरंगी जय हनुमान

मुजको इक तेरी आस राही दिल हर दम तेरे पस रहेतेरे चारो का देस राही या ठुपेले अटल विस्वास राही

इति हि दै दै दैवौं करौ बजरंग इधर भए भयउँ धरोआपनी ओकाड़ में रे कर के संतों की संगति बन जाती है

हर कस्त को सेर पर से कर के या राम से ही कहते हैंजीवन मेरा गुजारन करो बजरंग इधर भया धरणोमुख्य निर्भय होकर गुन गुन गुन कर उज्जवल यश पावन

ना कस्त किसि पोहनचौं हर डार का डारू बन जाऊंनिर्बल मन को बलवान कहौं बजरंग इधर भया धरण

मन लागा भलाही में ही तेरा सीना तना करै मेरा है हाय रेतन नेक कामायै में है या जाबां साचैय्या में हाय रे

बस तु ही वर वरदान करो बजरंग इधर भये धरोना जांग मे जानम करोलुन मुख्य अभिमान के वचन न बोलूं मुख्य

दु खि के पस न खोलुन मुख्य मुश्किल में भई न डोलुन मुख्यशक्ति दे शक्तिमां करो बजरंग इधर भये धरणो

ना राग उठे ना डवे उठे ना कोई मुजसे कलसेतेरा ही प्यार है हमेश रा या यद याही अपडेटेश राही

मन राम नाम नितगान करो बजरंग इधर भया धरोसंकट मोचन संवत से चूड़ा हनुमान मेरी हेमात कोड़ा

बजरंग मेरा तन बजर बाना आ पावन मन आंस पूजारक्षा मेरि भगवाँ करौ बजरंग इधर भये धरणोहै संक मोचन नाम तेरा क्या संतन नहीं हरते मेरामेरे भई या कारो फेर तेरा डर बराबर है मेरा डेरा

न चमन को अब परसेन करो बजरंग इधर भया धरोराम भक्त तुमको श्रेय राम प्रभु की यदकस्त हरो पुरी करो आस मेरि हनुमानशक्ति को बजरंग है भक्ति को भगवन्

सनत हरन कहत सनत मोचन जपशक्ति भक्ति मुक्ति प्रभु दे कर काल कल्यानरिद्धि सिद्धि नव निधि के चमन को वरदानजय बजरंगी जय हनुमानराम भक्त कृपा निधान

टॅग्स :हनुमान जयंतीहनुमान जीहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतVIDEO: बागेश्वर बाबा की पदयात्रा में जया किशोरी भी शामिल, देखें वायरल वीडियो

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय