गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को, ये है पूजा करने का सबसे उत्तम मुहूर्त, जानें पूजा विधि एवं कथा
By रुस्तम राणा | Published: October 25, 2022 02:58 PM2022-10-25T14:58:02+5:302022-10-25T14:58:02+5:30
Govardhan Puja 2022 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी।
Govardhan Puja 2022:गोवर्धन पूजा दिवाली के एक दिन बाद की जाती है। इसे अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी। मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान गोवर्धन पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म में इस पर्व का खास महत्व है। आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 25, 2022 को शाम 04:18 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त - अक्टूबर 26, 2022 को दोपहर 02:42 बजे
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त -सुबह 06:29 बजे से 08:43 बजे तक
गोर्वधन पूजा की विधि
सबसे पहले गाय के गोबर से चौक और पर्वत बनाएं।
इसके बाद इसे अच्छी तरह सुंदर फूलों से सजाएं।
अब रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर रखें और दीप जलाकर भगवान गोवर्धन की पूजा करें।
जब पूजा संपन्न हो जाए तो भगवान गोवर्धन की सात बार परिक्रमा जरूर करें।
इस दौरान ध्यान रखें कि आपके हाथों में जल जरूर होना चाहिए।
जल को किसी लोटे में लेकर इस तरह परिक्रमा करते रहें कि जल थोड़ा-थोड़ा गिरता जाए।
गोवर्धन पूजा जब संपन्न हो जाए तो अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाएं।
प्रसाद को घर के सभी लोगों में बांटें
गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा
मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।