Ganesh Puja: करें हर बुधवार को विनायक की पूजा, रखें व्रत, होंगी सभी विघ्न-बाधाएं दूर

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 27, 2024 06:51 AM2024-03-27T06:51:40+5:302024-03-27T06:51:40+5:30

हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं। बुधवार का दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा को समर्पित किया गया हैं।

Ganesh Puja: Worship Vinayak every Wednesday, all obstacles will be removed | Ganesh Puja: करें हर बुधवार को विनायक की पूजा, रखें व्रत, होंगी सभी विघ्न-बाधाएं दूर

फाइल फोटो

Highlightsहिंदू धर्म में बुधवार का दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजन के लिए बेहद शुभ माना जाता हैमान्यता है कि इस दिन भगवान लंबोदर की पूजा करने से भक्तों की सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैंबुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है

Ganesh Puja: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं। बुधवार का दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा को समर्पित किया गया हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान लंबोदर की पूजा-वंदना करने से भक्तों की सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।

बुध को बुद्धि का कारण एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। कहा जाता है कि बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बना रहता है। गणपति की आराधना करने से घर में अन्न का भंडार कभी खाली नहीं होता है।

इसके साथ ही गणेश पूजन से मनुष्य के जीवन में सभी संकट दूर होते हैं। माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह की उपस्थिति शुभ जगह पर होती है। यदि आपका कमाया हुआ धन व्यर्थ जा रहा है तो बुधवार का व्रत करें।

बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा करने से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। अगर व्यवसाय में नुकसान या करियर में आ रही बाधाओं को झेल रहे हैं तो हर बुधवार को श्री गणेश की चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही बुधवार को गणेश मंदिर जाकर हरी मूंग दाल का दान गरीबों को दान करना चाहिए।

अगर घर में आए दिन क्लेश होता है तो जातक को बुधवार के दिन एक नारियल लेकर उसमें तिलक लगाकर भगवान गणेश के सामने रखकर पूजन करना चाहिए। उसके बाद उस नारियल को बांटकर प्रसाद के तौर पर खाना चाहिए।

बुधवार व्रत कथा

एक बार नगरी में मधुसूदन नाम का धनी व्यक्ति रहा करता था। वह अपनी पत्नी को अपने ससुराल से विदा कराने के लिए गया। जब उसने अपने सास और ससुर से विदा करवाने के लिए कहा तो वे बोले कि बुधवार के दिन विदा कराना अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए आज के दिन गमन नहीं करना चाहिए।

लाख मना करने के बावजूद मधुसूदन नहीं माना और अपनी पत्नी को विदा कराकर अपने नगर की ओर निकल पड़ा। रास्ते में मधुसूदन की पत्नी को बहुत प्यास लगी तो मधुसूदन पानी की तलाश के लिए गया और अपनी पत्नी को वहीं विश्राम करने के कहकर गया।

जब मधुसूदन पानी लेकर वापिस इस पेड़ के पास लौटा तो वह देखता है कि उसके जैसा दिखने वाला एक शख्स उसकी पत्नी के साथ रथ पर बैठा हुआ है। यह देख वह क्रोध से आगबबूला हो जाता है और कहता कि तू कौन है? मेरी पत्नी के साथ इस रथ पर कैसे बैठा है? वह हुबहू दिखने वाला शख्स कहता है कि यह मेरी पत्नी है जिसे मैं अपने ससुराल से विदा कराकर लेकर जा रहा हूं।

यह सुन मधुसूदन और अधिक क्रोधित हो गया फिर दोनों में झगड़ा होने लगा। बढ़ते झगड़े के शोर से पास के नगर के सिपाही वहां पर आ पहुंचे। उन्होंने मधुसूदन की पत्नी से सवाल किया कि बताओ इन दोनों में से तुम्हारा पति कौन है? सिपाही की बातें सुन पत्नी शांत रही क्योंकि दोनों ही शख्स एक जैसे थे ऐसे में असली मधुसूदन के पहचानना बहुत मुश्किल था।

इसपर मधुसूदन ने ईश्वर से प्रार्थना की और अपनी समस्या का हल मांगा। मधुसूदन के प्रार्थना करने पर आकाशवाणी हुई कि आज बुधवार के दिन तुझे गमन नहीं करना चाहिए था। यह सब तेरे ही कर्मों का नतीजा है, तुझे उसका भुगतना करना ही होगा। इसके बाद मधुसूदन ने बुद्धदेव जी से प्रार्थना की और अपनी गलती की क्षमा मांगी। प्रार्थना को सुनकर बुद्धदेव जी खुद ही वहां से अंतर्ध्यान हो गए।

इस तरह बुधवार के व्रत की कहानी के अंत में मधुसूदन खुशी-खुशी अपनी पत्नी को घर ले आया। इस दिन के बाद से ही दोनों पति पत्नी बुधवार के दिन व्रत का पालन करने लगे। जो भी जातक बुधवार के दिन व्रत का पालन कर बुधवार की व्रत कथा का पाठ हैं उनके सभी तरह के बुध दोष समाप्त हो जाते हैं।

Web Title: Ganesh Puja: Worship Vinayak every Wednesday, all obstacles will be removed

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