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इस्लाम के संस्थापक हजरत मोहम्मद की कोई फोटो या मूर्ति क्यों नहीं है? पैगंबर से जुड़ी ये 8 बातें कर देंगी हैरान

By उस्मान | Updated: November 21, 2018 16:08 IST

Eid-E-Milad-Un-Nabi 2018: पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशी में मनाई जाती है ईद-ए-मिलाद, जानिए खास बातें

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'ईद ए मिलाद उन नबी' इस्लाम धर्म के मानने वालों के लिए एक प्रमुख त्यौहार है। कहा जाता है कि आज इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार उनका जन्म इस्‍लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571 ईं. के दिन सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था। उनका पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम था। 

1) पैगंबर मोहम्मद के जन्म से पहले उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और जब वो सिर्फ 6 साल के थे तो उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। इनके पिता का नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी अमिना था।

2) 25 साल की उम्र में उन्होंने खदीजा बिंत ख्वालिद से विवाह किया जो 40 साल की विधवा थीं। कहा जाता है कि खदीजा ने पैगंबर मोहम्मद के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था। दोनों में एक दूसरे के प्रति काफी प्रेम था। 

3) पैगंबर मोहम्मद घर के कामकाज में अपनी बीवी खदीजा का हाथ बंटाया करते थे। यहां तक कि वो अपने कपड़ों की देखभाल भी खुद ही करते थे।  मोहम्मद ने खदीजा के व्यापार में न केवल हाथ बंटाया बल्कि उसे आगे बढ़ाने में भी मदद की।

4) जब जिब्रील फरिश्ता पहली बार मोहम्मद के सामने प्रकट हुआ, तो डरकर भाग गए थे और उन्होंने सोचा कि किसी बुरी आत्मा ने उन पर हमला किया है। सन 610 में जब फरिश्ते ने पहली बार कुरान के कुछहे  अंश सुनाए तो काफी डर गए थे।  

5) पैगंबर ने अपने व्यक्तिगत उदाहरणों से समाज में मौजूद नस्लीय पूर्वाग्रहों को हटाने की कोशिश की। पैगंबर ने अपने आखिरी उपदेश में कहा कि अच्छे काम के अलावा किसी गोरे की काले इंसान पर और काले की गोरे पर कोई श्रेष्ठता नहीं है।  6) पैगंबर मोहम्मद किसी उत्तराधिकारी को नामित किए बिना दुनिया से चले गए। उनकी अंतिम बीमारी 10 दिनों तक रही और कई लोगों ने यह माना कि बेटे की अनुपस्थिति में, पैगंबर को अपनी इच्छाओं को स्पष्ट रूप से स्पष्ट करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया। विडंबना यह है कि कुछ लोग मानते हैं कि यह सुन्नी और शिया के बीच विभाजन की वजह है जो आज भी मौजूद है। 7) माइकल एच। हार्ट की किताब 'द 100' में पैगंबर मोहम्मद को इतिहास में नंबर एक व्यक्ति का दर्जा दिया गया था, जिसने मानव जाति पर सबसे बड़ा प्रभाव डाला था। मोहम्मद जा अर्थ है 'अत्यधिक प्रशंसा' और इसके मोहम्मद, मुहम्मद आदि कई रूप हैं। दुनिया में सबसे लोकप्रिय पुरुष नाम समझा जाता है। 

8) पैगंबर कभी नहीं चाहते थे कि उनका कोई चित्र या मूर्तिकला हो क्योंकि वह मूर्ति पूजा के खिलाफ थे। वे जानते थे कि कि अगर लोगों का उनका चित्र या मूर्ति मिलेगी तो वो उनकी पूजा करना शुरू कर देंगे। यही कारण है कि आज तक किसी मुस्लिम घर, मस्जिद यहां तक कि फिल्म में कहीं पर भी उनका कोई चित्र या मूर्ति नजर नहीं आती है।  

टॅग्स :इस्लामसऊदी अरबईद
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