दशहरे का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई जगहों पर रावण दहन की धूम अभी से देखने को मिल रही है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसी के बाद से लोग रावण दहन की इस जश्न को मनाते हैं मगर भारत में ही कुछ शहर ऐसा है जहां राम को नहीं बल्कि रावण की पूजा की जाती है।
दशहरा के इस पर्व में जहां एक ओर लोग रावण को जलाने की तैयारी कर रहे हैं वहीं कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां दशहरे पर रावण को नहीं जलाया जाता। आइए हम आपको बताते हैं ऐसी ही 7 जगहों के नाम जहां रावण की पूजा की जाती है।
1. जोधपुर,राजस्थान
भारत के राजस्थान राज्य के जोधपुर जिले में रावण का मंदिर स्थित है। यहां रहने वाले कुछ समाज के विशेष लोग रावण की पूजा करते हैं। सिर्फ यही नहीं ये लोग खुद को रावण का वंशज मानते हैं। इसी वजह से यहां क लोग दशहरा पर रावण दहन के बजाए रावण की पूजा करते हैं।
2. कर्नाटक
कर्नाटक के कोलर जिले में रावण की इसलिए पूजा नहीं करते क्योंकि वो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। कर्नाटक के मंडया जिले के मालवली स्थान पर रावण का मंदिर बना है जहां शिव भक्त रावण की पूजा करते हैं।
3. मंदसौर, मध्यप्रदेश
मंदसौर का असली नाम दशपुर बताया जाता है। कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी का ये मायका था। इसी वजह से इसे रावण का ससुराल भी कहा जाता है। यहां के लोग रावण के पुतले का दहन नहीं बल्कि पूजा करते हैं।
4. बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश
कांगड़ा जिले में स्थित एक कस्बे में लोग आज भी रावण की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इसी स्थान रावण ने भगवान शिव की उपासना की थी। यही पर प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें मोक्ष का वरदान दिया था। यहां के लोगों का मानना है कि रावण के दहन से उनकी मौत हो सकती है।
5. बिसरख, उत्तर प्रदेश
यूपी के इस गांव में रावण का मंदिर बना हुआ है। इसे रावण का ननिहाल कहा जाता है। जिस कारण रावण दहन यहां कभी नहीं किया जाता। उल्टा लोग रावण की पूजा करते हैं।
6.काकिनाड, आंध्रप्रदेश
ये जिला ऐसा है जहां लोग राम की शक्तियों को मानने से मना करते हैं। यहां के कुछ लोग रावण को ही शक्ति का सम्राट मानते हैं। इसलिए उसकी पूजा करते हैं। यहां भी रावण का एक भव्य मंदिर बना हुआ है। 7.अमरावती, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के इस जिले में गढ़चिरैली नाम की जगह पर आदिवासी समुदाय रावण का पूजा करते हैं। उनकी मान्यता है कि रावण और उनके पुत्र उनके देवता हैं। इसीलिए वो कभी रावण दहन नहीं करते और दशहरे पर रावण की पूजा करते हैं।