लाइव न्यूज़ :

दिवाली 2022: धनतेरस से भैया दूज तक मनाया जाता है दिवाली पर्व, जानें किस तारीख को कौन-सा त्योहार

By रुस्तम राणा | Updated: October 14, 2022 14:39 IST

इस साल 24 अक्टूबर को पूरे देश में दीपावली मनाई जाएगी। यह हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। यह कुल पांच दिनों का पर्व होता है।

Open in App

दिवाली हिन्दू धर्म का महापर्व है। इस पर्व की शुरूआत धनतेरस हो जाती है और फिर पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार भैया दूज को समाप्त होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। जबकि इससे दो दिन पहले धनतेरस और एक दिन पहले नरक चतुर्दशी अथवा काली चौदस मनाई जाती है। वहीं दिवाली के दिन बाद गोवर्धन पूजा और दो दिन बाद भाई दूज पर्व मनाया जाता है। दिवाली खुशियों और रौशनी का पर्व है। इस दिन गणेश पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन का विधान है। दिवाली के दिन लोग मिठाई और तोहफा देकर एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। वहीं रात में दीपक, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी रौशनी से घरों को सजाया जाता है।

5 दिनों का महावर्प, जानें किस तारीख को कौन-सा त्योहार

पहला दिन: धनतेरस, 22 अक्टूबर, 2022दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी या काली चौदस, 23 अक्टूबर, 2022तीसरा दिन: दिवाली, , 24 अक्टूबर, 2022चौथा दिन: गोवर्धन पूजा या अन्नकूट, , 25 अक्टूबर, 2022पांचवा दिन: भैया दूज, , 26 अक्टूबर, 2022

दिवाली पूजा का मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ - 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त - 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी लक्ष्मी पूजा का शुभ महूर्त - 24 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 54 मिनट शाम से रात 8 बजकर 18 मिनट तक

लक्ष्मी पूजन विधि

सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें, पूजा स्थल पर गंगा जल छिड़कें। गणेश जी और मां लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर भी गंगाजल छिड़कें। इसके बाद लकड़ी की चौकी में लाल वस्त्र बिछाकर उसमें मुट्ठीभर अनाज रखें। कलश को अनाज के ऊपर रखें और उसमें थोड़ा जल भरें। अब इसमें एक सुपारी (सुपारी), गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डाल दें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार और ऊपर से नारियल रखें। अब अपने व्यापार से संबंधित पुस्तकें रखें। मां लक्ष्मी और गणपति महाराज की प्रतिमा में तिलक करें और मंत्र सहित उनकी आराधना करें। मां लक्ष्मी को नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें। पूजा के अंत में लक्ष्मी जी की आरती करें।

दीवाली का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि दीवाली का त्योहार रामायण काल से मनाया जा रहा है। बताया जाता है कि जब भगवान श्रीराम लंका विजय करने के बाद अयोध्या वापस पहुंचे तो अयोध्या के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। अपने राजा के स्वागत के लिए उन्होंने घी के दीये जलाकर पूरी अयोध्या को सजा दिया। तभी से यह पर्व मनाया जाने लगा। एक अन्य मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। 

टॅग्स :दिवालीहिंदू त्योहारधनतेरसभाई दूजगोवर्धन पूजा
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय