Diwali 2020: जानें दीपावली, छोटी दीपावली, धनतेरस, भैया दूज की सही तिथि और पूजा मुहूर्त

By गुणातीत ओझा | Published: November 3, 2020 04:53 PM2020-11-03T16:53:48+5:302020-11-03T17:05:32+5:30

वर्ष 2020 में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिला। ज्योतिष के नजरिए से यह वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहा है। इसी के चलते पांच दिवसीय दीपोत्सव इस साल 5 दिन के स्थान पर 4 दिन का होगा।

Diwali 2020: Know Deepawali, Chhoti Deepawali, Dhanteras, Bhaiya Dooj's exact date and Puja Muhurta | Diwali 2020: जानें दीपावली, छोटी दीपावली, धनतेरस, भैया दूज की सही तिथि और पूजा मुहूर्त

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Highlightsपांच दिवसीय दीपोत्सव इस साल 5 दिन के स्थान पर 4 दिन का होगा।छोटी दीपावली यानि रूप चौदस और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी।

वर्ष 2020 में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिला। ज्योतिष के नजरिए से यह वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहा है। इसी के चलते पांच दिवसीय दीपोत्सव इस साल 5 दिन के स्थान पर 4 दिन का होगा। छोटी दीपावली (Choti Deepawali) यानि रूप चौदस और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी। धनतेरस(Dhanteras) भी दिवाली के 1 दिन पहले 13 नवंबर की रहेगी। 15 नवंबर को राम-राम और 16 नवंबर की भैया दूज मनाई जाएगी। 

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 14 नवंबर को गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। वहीं शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच रहेगा। इन तीनों ग्रहों का यह दुर्लभ योग पहले सन 1521 में 9 नवंबर को देखने को मिला था। इसी दिन उस वर्ष दीपोत्सव मनाई गई थी। दीपावली का त्यौहार पंच महोत्सव होता है लेकिन इस बार पांच दिन का न होते हुए चार दिन का महोत्सव होगा। 13 नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व का शुभारंभ होगा जो 16 नवंबर को भाई दूज के दिन संपन्न होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दीपावली मनाई जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। अमावस्या की रात्रि में ही माता धरती पर विचरण करती हैं। इसी वजह से यह त्यौहार अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इस बार अमावस्या तिथि  14 नवंबर दोपहर 2:17 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार को होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दीपावली मनाई जाती है।  त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9: 31 से शुरू होकर 13 नवंबर को शाम 6:00 बजे तक रहेगी। 13 नवंबर को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 13 नवंबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी, क्योंकि धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है। नवरात्र स्थापना शनिवार को था और दीपावली भी शनिवार को है। यह एक बड़ा ही मंगलकारी योग है कि शनि स्वाग्रही मकर राशि पर है। यह योग व्यापार के लिए लाभकारी एवं जनता के लिए शुभ फलदाई रहेगी।

द्वितीय तिथि का छय
पंचांग गणना में इस बार द्वितीय तिथि का क्षय हो रहा है। इसके अनुसार दीप पर्व में रूप चौदस सुबह तो महालक्ष्मी पूजन शाम को किया जा सकेगा। पूर्व में भी इसी तरह दीप उत्सव मनाए जा चुके हैं। 13 नवंबर को प्रदोषकाल में धनतेरस एवं दीप दान मास शिवरात्रि का प्रदोष के पर्व के साथ धनवंतरी जयंती भी मनाई जाएगी। रूप चौदस चतुर्दशी का पर्व अरुणोदयम से पूर्व मनाया जाएगा। 14 नवंबर महालक्ष्मी पूजन के समय स्वाति नक्षत्र सौभाग्य योग तुला राशि का चंद्रमा तुला राशि का सूर्य धनु राशि के गुरु में होगा।

लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त 
लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न और स्थिर नवांश में किया जाना श्रेष्ठ माना गया है। प्रदोष काल शाम 5:33 से रात 8:12 तक रहेगा। लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 5:49 से 6:02 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में प्रदोषकाल स्थिर वृष लग्न और कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा। 

सर्वार्थ सिद्धि योग मनेगी दीपावली  
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि  14 नवंबर दीपावली के दिन रात 8:10 बजे तक स्वाति नक्षत्र रहेगा। इसके बाद पूरी रात विशाखा नक्षत्र रहेगा। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। शनिवार को प्रदोष काल में स्वाति से बना सिद्धि योग कार्य सफलता के लिए अच्छा माना गया है। स्वाति नक्षत्र चर, चल-संज्ञक नक्षत्र होने के कारण वाहन लेने देने, उद्योग कर्म, दुकानदारी, चित्रकारी शिक्षक, स्कूल संचालक, श्रृंगार प्रसाधन एवं अन्य कर्म के लिए अच्छा माना जाता है।

दीपावली त्यौहार

धनतेरस - 13 नवंबर 2020
छोटी और बड़ी दीपावली - 14 नवंबर 2020
गोवर्धन पूजा - 15 नवंबर 2020
भाई दूज - 16 नवंबर 2020

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 28 से शाम 7 : 24 तक।
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 33 से रात 8 : 12 तक
वृषभ लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 :37 से रात 7 : 34 तक 

लक्ष्मी पूजन चौघड़िया मुहूर्त 

दोपहर - 14 नवंबर की दोपहर 02 : 17 से शाम को 04 : 07 तक।
शाम  - 14 नवंबर की शाम को 05 : 28 से शाम 07 : 07 तक।
रात - 14 नवंबर की रात 08 : 47 से देर रात 01 :45 तक।
प्रात:काल - 15 नवंबर को 05 : 04 से 06 : 44 तक।

व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजन मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 'अभिजित -  दोपहर 12 : 09 से शाम 04 : 05 मिनट तक 

गृहस्थों के लिए पूजन मुहूर्त
प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 : 33 से रात 8 : 07 तक
वृषभ लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5 :37 से रात 7 : 34 तक 
सिंह लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की मध्य रात्रि 12 :07 से रात 2 : 23 तक

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