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Chaitra Navratri 2022 Date: चैत्र नवरात्रि व्रत कब से होंगे प्रारंभ, जानें तिथि, घटस्थापना मुहूर्त और व्रत विधि

By रुस्तम राणा | Updated: March 21, 2022 14:12 IST

हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो कोई भक्त चैत्र नवरात्रि का व्रत विधि-विधान से करता है मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं।

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ठळक मुद्देचैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को, इसी दिन से नवरात्रि प्रारंभ11 अप्रैल 2022 को होगा चैत्र नवरात्रि का समापन  

Chaitra Navratri 2022 Date: चैत्र नवरात्रि पर्व मां शक्ति की उपासना का महापर्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो जाती है और नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन चैत्र शुक्ल की दशमी तिथि को होता है। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। घटस्थापना के साथ इस व्रत को प्रारंभ किया जाता है जबकि कन्या पूजन के साथ इसका समापन होता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो कोई भक्त चैत्र नवरात्रि का व्रत विधि-विधान से करता है मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। आइए जानते हैं इस साल चैत्र नवरात्रि व्रत कब से शुरू होंगे और इसका समापन कब होगा।

साल 2022 में कब से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि व्रत?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को पड़ रही है और चैत्र नवरात्रि भी इसी दिन से प्रारंभ होगी। इस दिन विधिवत घटस्थापना के साथ व्रत का प्रारंभ होगा और इस व्रत का समापन 11 अप्रैल 2022 को होगा।  

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2022

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 बजे से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का समापन - 2 अप्रैल 2022 को सुबह 11:58 बजेघटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त -  2 अप्रैल 2022, शनिवार की सुबह 06:22 बजे से 08:31 बजे तक मुहूर्त की कुल अवधि - 02 घण्टे 09 मिनट 

घट स्थापना की विधि

प्रतिपदा के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें।घर के मंदिर की साफ-सफाई करें जहां कलश स्‍थापना करना है, वहां गंगाजल छिड़कें।फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें।कलश में चारों ओर अशोक के पत्‍ते लगाएं।कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें।इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए मां दुर्गा का आवाह्न करें।इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें।

माता के नौ स्वरूपों की होगी पूजा

नवरात्रि का पहला दिन- माता शैलपुत्रीनवरात्रि का दूसरा दिन- ब्रह्मचारिणीनवरात्रि का तीसरा दिन- चंद्रघंटानवरात्रि का चौथा दिन- कूष्मांडानवरात्रि का पांचवा दिन- स्कंद मातानवरात्रि का छठा दिन- कात्यायिनीनवरात्रि का सातवां दिन- कालरात्रिनवरात्रि का आठवां दिन- महागौरीनवरात्रि का नौवां दिन- सिद्धिदात्री  

टॅग्स :चैत्र नवरात्रिमां दुर्गाहिंदू त्योहार
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