Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि व्रत 2 अप्रैल, शनिवार से प्रारंभ होंगे, जो 11 अप्रैल, सोमवार तक चलेंगे। चैत्र नवरात्रि पर्व मां शक्ति की उपासना का महापर्व है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो जाती है और नौ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि को होता है। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। घटस्थापना के साथ इस व्रत को प्रारंभ किया जाता है जबकि कन्या पूजन के साथ इसका समापन होता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो कोई भक्त चैत्र नवरात्रि का व्रत विधि-विधान से करता है मां उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना की संपूर्ण विधि और पूजा सामग्री।
घट स्थापना की विधि
प्रतिपदा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें।घर के मंदिर की साफ-सफाई करें जहां कलश स्थापना करना है, वहां गंगाजल छिड़कें।ध्यान रहे, घर में जहां आपको कलश स्थापना करना है वह स्थान घर के उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें।कलश में चारों ओर अशोक के पत्ते लगाएं।कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें।इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए मां दुर्गा का आवाह्न करें।इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें।किसी जानकार पंडितजी की मदद से भी आप कलश स्थापित कर सकते हैं।
घट स्थापना पूजन सामग्री
मां दुर्गा की नई मूर्ति अथवा चित्र, चौकी, पीला वस्त्र, एक लाल रंग का आसन, नई लाल रंग की चुनरी, मिट्टी का एक कलश, आम की 5 हरी पत्तियां, मिट्टी के बर्तन, लाल सिंदूर, गुड़हल का फूल, फूलों की माला, श्रृंगार सामग्री, एक नई साड़ी, अक्षत्, गंगाजल, शहद, कलावा, चंदन, रोली, जटावाला नारियल, सूखा नारियल, अगरबत्ती, दीपक, बत्ती के लिए रुई, केसर, नैवेद्य, पंचमेवा, गुग्गल, लोबान, जौ, गाय का घी, धूप, अगरबत्ती, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, कपूर, फल, मिठाई, उप्पलें, एक हवन कुंड, आम की सूखी लकड़ियां, माचिस, लाल रंग का ध्वज, दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती, दुर्गा आरती की किताब आदि।
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त 2022
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 बजे से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का समापन - 2 अप्रैल 2022 को सुबह 11:58 बजेघटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त - 2 अप्रैल 2022, शनिवार की सुबह 06:22 बजे से 08:31 बजे तक मुहूर्त की कुल अवधि - 02 घण्टे 09 मिनट