हिन्दू पंचांग के अनुसार बसंत माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार पतझड़ के जाने के बाद बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। यह दिन हिन्दू धर्म में ज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष 10 फरवरी, दिन रविवार को बसंत पंचमी का त्योहार है।
बसंत पंचमी 2019
9 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से पंचमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन 10 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक मान्य रहेगी। इस वर्ष पंचमी तिथि रविवार को है, साथ ही रवि सिद्धि योग एवं अबूझ नक्षत्र भी बन रहा है। इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। सुबह 6 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ बताया गया है।
मां सरस्वती पूजा
हर साल की तरह इस साल भी बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाएगी। कोलकाता में तो देवी को समर्पित पूजा पंडाल भी सजाए जाते हैं। विद्या और ज्ञान की देवी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत भी करते हैं। विद्यार्थी भी मां के लिए व्रत करते हैं ताकि वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें और सफल बनें। लेकिन अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो आगे बताए जा रहे उपाय अवश्य करें, देवी की कृपा होगी:
1) विद्या की देवी को प्रसन्न करने के लिए मोरपंख का इस्तेमाल करें। बसंत पंचमी के दिन अपनी किताबों/पुस्तकों में मोर पंख रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी खुश होती हैं और पढ़ने में मन लगता है
2) अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है तो बसंत पंचमी के दिन से उसे ब्राह्मी, शंखपुष्पी या मेधावटी देना शुरू कर दें। लगातार कुछ दिन कराते रहें। ऐसा करने से बच्चे की बुद्धि में तेजी आएगी
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3) अगर बच्चे की वाणी में दिक्कत है। वह बोलते समय हकलाता है तो बसंत पंचमी के शुभ दिन पर बांसुरी के छेद से शहद भरकर उसे मोम से बंद कराकर जमीन में गाड़ देना चाहिए। ऐसा करने से वाणी संबंधी दिक्कत दूर हो जाती है
4) बसंत पंचमी के दिन बच्चों को सुबह जल्दी उठने को कहें। आँख खुलते ही उन्हें अपनी हथेलियां देखनी चाहिए। मान्यतानुसार हमारे हाथों में ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सरस्वती, लक्ष्मी, आदि देवी देवताओं का वास होता है। इनके दर्शन करें