Saraswati Puja Mantra:बसंत पंचमी पर्व 14 फरवरी को है। इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की आराधना की जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मां शारदा की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए बसंत पंचमी का यह पर्व ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। विद्यार्थियों के लिए यह पर्व सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। शास्त्रों में सरस्वती देवी की आराधान से जुड़े मंत्र दिए गए हैं। मान्यता है कि सरस्वती पूजा में इन मंत्रों के जाप से मां को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
1. शारदायै नमस्तुभ्यं मम ह्दये प्रवेशनि, परीक्षायां उत्तीर्णं सर्व विषय नाम यथा
यह मंत्र मां शारदा का ऐसा मंत्र है जो छात्रों को परीक्षा में सफलता प्रदान करता है। जो लोग परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं वह बसंत पंचमी के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। मान्यता है इससे विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति भी तेज होती है।
2. ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:
मां सरस्वती का यह स्तुति मंत्र बेहद प्रभावशाली है। बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि बच्चे का वाणी दोष दूर करने के लिए ये कारगर मंत्र माना जाता है।
3. श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः
यह मंत्र कला, संगीत से जुड़े लोगों के लिए बेहद कारगर मंत्र है। बसंत पंचमी पर इस मंत्र को बोलते हुए देवी सरस्वती का पूजन करना चाहिए। देवी सरस्वती की कृपा से उसकी कला में निखार आता है, वह धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।
4. पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः
मां सरस्वती के इस गुप्त मंत्र का बसंत पंचमी पर 108 बार जाप करने से करियर में कोई बाधा नहीं आती। इसका जाप करने के लिए श्वेत आसन पर बैठें और दो मुखी दीपक लगाकर देवी सरस्वती का स्मरण कर जाप करें।
5. सरस्वती वंदना मंत्र
या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं।वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।