Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हाई सिक्योरिटी, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा; तीर्थयात्रियों को कहीं भी अकेले जाने की मनाही
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 27, 2025 12:06 IST2025-06-27T12:01:35+5:302025-06-27T12:06:08+5:30
Amarnath Yatra 2025: आतंकी और हाइब्रिड आतंकी ओजीडब्ल्यू की मदद से स्टिकी बमों का इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।

Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हाई सिक्योरिटी, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा; तीर्थयात्रियों को कहीं भी अकेले जाने की मनाही
Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा के दौरान हाइब्रिड आतंकियों और स्टिकी बमों से निपटने को की जा रही तैयारियों में सुरक्षाधिकारियों की वह चेतावनी सबसे प्रमुख है जिसमें शिरकत करने वाले श्रद्धालुओं से कहा जा रहा है कि न ही वे अकेले में कहीं घूमेंगे और न ही अपने निजी वाहन को लेकर जम्मू से यात्रा को निकलेगें।
यात्रा की सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के बकौल, पहले जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर अमरनाथ श्रद्धालुओं को अकेले यात्रा करने से नहीं रोका जाता था। पर अब खतरे को भांपते हुए ऐसा करने के लिए कथित तौर पर राजमार्ग पर रोडबंदी भी की जाएगी।
रोडबंदी अर्थात अमरनाथ यात्रा के काफिलों के गुजरने के समय राजमार्ग पर अन्य वाहनों को चलने की अनुमति नहीं होगी। न ही अन्य लोग राजमार्ग पर पैदल भी चल पाएंगें। रोडबंदी की रणनीति पुलवामा हमले के उपरांत से ही अपनाई जा रही है जिसके तहत जब श्रद्धालुओं का काफिला जम्मू के बेस कैंप से पहलगाम और बालटाल के लिए निकलता है तो सभी संपर्क मार्गों पर कांटेदार तार लगा सभी की आवाजाही रोक दी जाती रही है।
अब ऐसी ही आवाजाही की रोक श्रद्धालुओं पर भी लागू होगी जिन्हें तय समय और तय दिन पर ही जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से सुरक्षा व्यवस्था के नियमों को पालन करमे हुए अपनी यात्रा शुरू करनी होगी।
हालांकि सुरक्षाबल अभी तक स्टिकी बमों के खतरे से निपटने के उपाय नहीं खोज पाएं हैं जिनके प्रति खुफिया अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि आतंकी और हाइब्रिड आतंकी ओजीडब्ल्यू की मदद से स्टिकी बमों का इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।
याद रहे स्टिकी बमों का खतरा पिछले कुछ सालों से पूरे प्रदेश में बना हुआ है। आतंकी इनका इस्तेमाल कर एक बार वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं की यात्री बस को उड़ा कर चार की जान ले चुके हैं जबकि स्टिकी बमों से विस्फोटों के 5 मामले ही पूरे प्रदेश में अभी तक सामने आए हैं पर बरामदगियां दर्जनों हो चुकी हैं। इसलिए सुरक्षाबल इस खतरे को कम करके नहीं आंकना चाहते हैं।