Amarnath Yatra 2023: जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और खराब मौसम के कारण भूस्खलन और मार्गों पर खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी है।
प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा का संज्ञान लेते हुए अमरनाथ यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, भूस्खलन और रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क का एक हिस्सा बह जाने के कारण रास्ता बाधित हो गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "खराब मौसम के कारण शनिवार सुबह यहां भगवती नगर में यात्री निवास आधार शिविर से यात्रा स्थगित कर दी गई।"
उन्होंने कहा, "कश्मीर और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी बारिश और मौजूदा मौसम की स्थिति के कारण आज किसी भी नए जत्थे को पवित्र गुफा के लिए अनुमति नहीं दी गई।"
जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम बना आफत
गौरतलब है कि मेहद क्षेत्र, सेरी और रामबन जिले के मरोग क्षेत्र में सुरंग 1 और सुरंग 2 के पास भूस्खलन, कीचड़ और पत्थरों के गिरने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) पर जम्मू और कश्मीर के बीच वाहन यातायात शनिवार तड़के से निलंबित कर दिया गया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग के एसएसपी ट्रैफिक रोहित बस्कोत्रा ने कहा कि मेहाड में भूस्खलन और कीचड़ के कारण सड़क की हालत खराब है। उन्होंने कहा कि जम्मू और श्रीनगर जाने वाले यातायात को नगरोटा, जखेनी उधमपुर और काजीगुंड में रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा, "कुछ एलएमवी को वापस भेज दिया गया है जबकि अन्य को यात्री निवास और चंद्रकोट के अन्य आवास केंद्रों या राजमार्ग के रास्ते सामुदायिक रसोई में रखा गया है।"
बताया जा रहा है कि मुगल रोड और श्रीनगर-सोनमर्ग रोड भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि बहाली का काम पूरा होने तक एनएच-44, मुगल रोड और सोनमर्ग रोड पर यात्रा न करें।
वहीं, रामबन में बारिश के कारण सुरंगों के पास सड़क का कुछ हिस्सा बह गया है। एनएचएआई ने पंथयाल में एनएच-44 के पुराने संरेखण को सुरंग टी-5 और टी-3 के बीच सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से तक चलने योग्य बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
इस बीच, राजौरी जिला पुलिस ने एक सलाह जारी की है, जिसमें लोगों से बारिश के बीच अचानक बाढ़ की आशंका के मद्देनजर जल निकायों, खासकर नदियों के करीब नहीं जाने का अनुरोध किया गया है। सलाह में कहा गया है कि मौसम की स्थिति में सुधार होने तक लोगों को जल निकायों के पास अपने मवेशियों को चराने से बचना चाहिए।