Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है कि मौसम विभाग अगले कुछ दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर में जबरदस्त बारिश और यात्रा मार्ग पर बर्फबारी की चेतावनी देते हुए कह रहा है कि मौसम अमरनाथ यात्रा का सारा मजा किरकिरा कर सकता है।
श्रीनगर स्थित मौसम विभाग के बकौल मौसम की भविष्यवाणी यही कहती है कि आने वाले दिन मौसम के लिहाज से भयानक साबित हो सकते हैं। उनके मुताबिक, हालांकि अभी अमरनाथ यात्रा शुरू भी नहीं हुई है पर मौसम की आंख मिचौनी के कारण अमरनाथ यात्रा मार्ग पर दुश्वारियां भी बढ़ेंगी क्योंकि सर्दी के बढ़ने के पूरे चांस हैं तो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की संभावना से वे इंकार नहीं करते।
मौसम के प्राकृतिक खतरे को कोई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मौसम पूरी तरह से अमरनाथ यात्रा में विलेन की भूमिका निभा सकता है। इस बार मौसम की परेशानी इसलिए भी है क्योंकि मानसून समय से 10 दिन पहले ही पहुंच गया है और पहली ही बारिश ने प्रशासन के सभी दावों की धज्ज्यिां उड़ा दीं।
यही नहीं कश्मीर में वैसे भी अब पिछले कई सालों से थोड़ी सी बारिया से बाढ़ का खतरा लगातार मंडराने लगता है और ऐसे में आए दिन होने वाली बारिशें सबके लिए परेशानियां पैदा कर सकती हैं। इस बीच महंत दीपेंद्र गिरि जी, महंत छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ जी ने साधुओं और आम जनता की जानकारी के लिए छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ जी यात्रा-2023 के कार्यक्रम की घोषणा की है। उन्होंने
बताया कि इस वर्ष की तीर्थयात्रा अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष हमारे पास दो श्रावण महीने हैं और यह असाधारण खगोलीय घटना 19 वर्षों के बाद हुई है। सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा की पारंपरिक शुरुआत से जुड़े भूमि-पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण जैसे अनुष्ठान पहलगाम में शुभ अवसर पर किए जाएंगे।
जबकि आषाढ़ पूर्णिमा (व्यास-पूर्णिमा) इस वर्ष 3 जुलाई सोमवार को पड़ रही है। शनिवार, 19 अगस्त 2023 को श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में छड़ी-स्थापना के लिए अनुष्ठान करने से पहले छड़ी-मुबारक को 16 अगस्त को ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर और 17 अगस्त को शारिका भवानी मंदिर में ले जाया जाएगा।
21 अगस्त को नाग-पंचमी के शुभ अवसर पर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में छड़ी-पूजन करने के बाद, महंत दीपेंद्र गिरि जी पवित्र गदा लेकर स्वामी अमरनाथ जी के पवित्र मंदिर में पूजा और सुबह-सुबह दर्शन के लिए जाएंगे। 26 और 27 अगस्त को पहलगाम में, 28 अगस्त को चंदनवाड़ी में, 29 अगस्त को शेषनाग में और 30 अगस्त को पंचतरणी में रात्रि विश्राम के बाद 31 अगस्त को यह वापसी करेगी।