अमरनाथ हिमलिंग पर मंडरा रहा अजीब संकट, 18 फुट का हिमलिंग पिघलकर 2 फुट का हुआ

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 30, 2020 12:32 PM2020-07-30T12:32:45+5:302020-07-30T12:34:27+5:30

अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सारे अनुमान धरे रह गए हैं। जिस लोहे की ग्रिल का सहारा अमरनाथ के हिमलिंग को बचाने के लिए लिया गया था वह भी उसे पिघलने से इसलिए नहीं बचा पाई क्योंकि इस बार 18 फुट का हिमलिंग पिघल कर अब 2 फुट का रह गया है।

amarnath himling in danger of global warming 18 feet size melted now on 2 feet | अमरनाथ हिमलिंग पर मंडरा रहा अजीब संकट, 18 फुट का हिमलिंग पिघलकर 2 फुट का हुआ

तेजी से पिघल रहा है अमरनाथ हिमलिंग, जानें क्या है कारण।

Highlights2 फुट का रह गया हिमलिंग, फेंसिंग नहीं रोक पाई हिमलिंग को पिघलने सेअब श्राइन बोर्ड को अत्याधुनिक तकनीक का है सहारा

जम्मू।अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सारे अनुमान धरे रह गए हैं। जिस लोहे की ग्रिल का सहारा अमरनाथ के हिमलिंग को बचाने के लिए लिया गया था वह भी उसे पिघलने से इसलिए नहीं बचा पाई क्योंकि इस बार 18 फुट का हिमलिंग पिघल कर अब 2 फुट का रह गया है और ऐसा भक्तों की सांसों की गर्मी के कारण नहीं हुआ है बल्कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण है। अब इससे निपटने का तरीका अत्याधुनिक तकनीक का ही सहारा है। पर श्राइन बोर्ड फिलहाल तकनीक का सहारा क्यों नहीं ले पा रहा है इसके पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं।

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के बकौल, अमरनाथ की गुफा को तकनीक के सहारे ठंडा और वातानुकूलित बनाने की योजना श्राइन बोर्ड ने उसी समय तैयार की थी जब वह अस्तित्व में आया था। लेकिन यह मामला कई साल तक कोर्ट में रहा जिस कारण श्राइन बोर्ड इस संबंध में कोई कदम उठाने से परहेज कर रहा है।

वे कहते हैं कि गुफा को पूरी तरह से वातानुकूलित करने, आइस स्केटिंग रिंक तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना है। इसी के तहत कई अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया गया था जिनमें एयर कर्टन, रेडियंटस कूलिंग पैनलस और फ्रोजन ब्राइन टेª का इस्तेमाल भी था।

उनका कहना था कि इनमें से कई तकनीकों का सफल प्रयोग मुंबई, श्रीनगर तथा गुलमर्ग में कर लिया गया था लेकिन अमरनाथ गुफा में इनका प्रयोग करने से पूर्व ही माननीय कोर्ट ने इन सब पर रोक उस समय कुछ साल पहले लगा दी थी जब गुफा में कथित तौर पर कृत्रिम हिमलिंग बनाने का मामला उठा था। हालांकि वे कहते थे कि श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को रेडियंट कूलिंग पेनलस का विकल्प बहुत ही जायज लगा था लेकिन हाईकोर्ट द्वारा इस पर रोक लगा दिए जाने के कारण मामला अंतिम चरण में जाकर रूक गया था।

इतना जरूर है कि कुछ उन उन्मादी श्रद्धालुओं के हाथों से, जो यात्रा शुरू होने से पहले ही गुफा तक पहुंच जाते रहे हैं, हिमलिंग को बचाने की खातिर बोर्ड ने कुछ उपाय जरूर कर दिए थे जो अतीत में भक्तों की भीड़ के आगे टिक नहीं पाए थे और इस बार भक्तों की सांसों की गर्मी के स्थान पर मौसम की गर्मी ने हिमलिंग को पिघला दिया है।

Web Title: amarnath himling in danger of global warming 18 feet size melted now on 2 feet

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