Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति के अनुसार क्या है पति-पत्नी के सही मायने, पढिए यहां
By मेघना वर्मा | Published: December 10, 2019 07:12 AM2019-12-10T07:12:29+5:302019-12-10T07:12:29+5:30
चाणक्य नीति के अनुसार जिस व्यक्ति पर विश्वास किया जा सके जो आपके साथ विश्वासघात ना करे वही आपका सच्चा मित्र है।
हिन्दू शास्त्रों में चाणक्य को राजनीति और अर्थशास्त्र का ज्ञाता माना जाता है। उनकी लिखी रणनीतियां और बातें आज भी पढ़ी जाती हैं। चाणक्य नीति ग्रंथ आज के समय में युवाओं की पसंद बना हुआ है। इस पुस्तक में उन्होंने बड़े ही सरल तरीके से मानव-समाज से संबंधित हर पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया है।
प्रेम के साथ ही रिश्तों के बारे में भी आचार्य चाणक्य ने कई बाते बताई हैं। चाणक्य की इन नीतियों में संतान, पत्नी-पति और मित्र के साथ रिश्ते पर भी कई सारी नीतियां दी गई हैं। चाणक्य ने बताया है कि फेरे लेने मात्र से पत्नी और पती का रिश्ता नहीं बन जाता इन सभी रिश्तों के अपने अलग मायने होते हैं। कुछ अलग खास बात होती है। आइए आपको बताते हैं चाणक्य नीति में क्या लिखा है रिश्तों के बारे में।
1. किसे है संतान कहलाने का हक
आचार्य चाणक्य के अनुसार संतान वही है जो अपने माता- पिता की सेवा करें। मां-बाप पूरे जीवन संतान की अच्छी परवरिश करते हैं ताकि उनके बच्चे भविष्य में सुरक्षित रहें। इसलिए संतान का भी कर्तव्य होता है वह अपने माता-पिता की सेवा करे।
2. ये होते हैं सच्चे पिता
एक पिता वही हैं जो अपने बच्चों को सही पालन-पोषण दे सके। देख-रेख करने वाला और बच्चों को उचित शिक्षा देने वाला व्यक्ति ही योग्य पिता कहलाने के लायक होता है। चाणक्य नीति के अनुसार पिता, धरती पर संतान के लिए पालनकर्ता विष्णु के समान होते हैं।
3. सच्चे मित्र की है ये परिभाषा
चाणक्य नीति के अनुसार जिस व्यक्ति पर विश्वास किया जा सके जो आपके साथ विश्वासघात ना करे वही आपका सच्चा मित्र है। सच्चा दोस्त कभी भी आपको बुरे समय में अकेला नहीं छोड़ता। वो आपका साथ हमेशा देता है। जो व्यक्ति इन गुणों में अच्छा हो वही आपका सच्चा दोस्त होता है।
4. पति-पत्नी के सही मायने
चाणक्य नीति के अनुसार पत्नी के संदर्भ में कहा है कि सही मायने में वही पत्नी है जो हर हाल में पति का साथ निभाए। कठिन समय में उचित मार्गदर्शन करे और परेशानी के समय संयम से काम ले। पति भी वही सही है जो हर मायने में पत्नी को लक्ष्मी का सम्मान दें उसका आदर करे और उसकी मर्यादा और आत्मसम्मान का हनन ना करे।