माता-पिता एक छांव की तरह होते हैं। जहां पिता की परवरिश में उनका शासन के साथ प्यार झलकता है वहीं मां की ममता, दुलार और चिंता बच्चे के लिए उनका प्यार जाहिर कर देती हैं। पेरेंट्स तो अपनी बात बच्चों को आसानी से बोल देते हैं लेकिन बात जब बच्चों की होती है तो उन्हें थोड़ी झिझक होती है।
हालांकि कुछ पेरेंट्स ऐसे भी है जो अपने बच्चों के साथ दोस्त की तरह रहते हैं और सारी चीजों पर खुलकर बातें करते हैं। लेकिन कुछ बच्चे अपने माता-पिता से सारी बातें करने हिचकते हैं यहां तक कि उनके प्रति प्यार को भी अच्छे से जाहिर नहीं कर पाते। इसका मतलब ये नहीं कि वो अपने पेरेंट्स से प्यार नहीं करते लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें वो चाहकर भी बोल नहीं पाते।
आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जो वो अपने माता-पिता से कहना तो चाहते हैं लेकिन कभी बोल नहीं पाते हैं।
प्यार न जाहिर कर पाना
बेटा हो या बेटी, अक्सर कम उम्र के बच्चे अपने माता-पिता से खुलकर अपना प्यार जाहिर नहीं कर पाते है। वो कहना तो चाहते हैं लेकिन एक झिझक उन्हें यह कहने से रोक देती है।
नौकरी छोड़ खुद को दें रेस्ट
जब बच्चे अपने माता-पिता को काम से थक आते देखते हैं तो उनके मन में यही ख्याल आता है कि अब उनके पेरेंट्स को नौकरी छोड़ देनी चाहिए और आराम करना चाहिए। लेकिन वो चाहकर भी यह फीलिंग अपने पेरेंट्स के साथ शेयर नहीं कर पाते। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि तब हम खुद जिंदगी में कहीं स्टैंड नही करते।
दिल टूटने की खबर
प्यार में दिल टूटने पर आप मूड खराब कर घर में घूमते हैं। आपका लटका चेहरा देख जब पेरेंट्स आपसे इसके बारे में पूछते हैं तो आप फौरन उन्हें सब कुछ बताना चाहते तो हैं लेकिन चाहकर भी सच नहीं बोल पाते।
इससे प्यार करता हूं
भारतीय समाज में अभी भी युवा अपने माता-पिता को यह भी कभी नहीं बता पाते कि वो किसी से प्यार करते हैं और उनसे शादी करना चाहते हैं।