जब टीवी पर चल रही किसी कॉन्डम की ऐड को देखकर बच्चा बड़े इनोसेंट तरीके से अपने मां-बाप से पूछता है कि अंकल-आंटी इसमें क्या कर रहे हैं तब उनके पैरेंट्स को अचानक से कहीं गायब हो जाने का मन करता है। अगर आपको भी ऐसा लगता है तो फिर आखिरी कब आप अपने बच्चे से सेक्स के बारे में बात करेंगे? कब आप उसे सेक्स की एजुकेशन देंगे?
भारतीय समाज में सेक्स को इस कदर टैबू बना दिया गया है कि लोग सेक्स शब्द को सुनते ही मुंह बना लेते हैं। मां-बाप भी इसपर बच्चे से खुलकर बात नहीं करते बल्कि टीवी पर या फिल्मों में कभी सेक्स सीन आए तो या तो चैनल चेंज कर देते हैं या उठकर कहीं और चले जैते हैं। ये एक मां-बाप की ही जिम्मेदारी बनती हैं कि देश और दुनिया की सभी जानकारी देने के साथ ही आप अपने बच्चे को सेक्स ऐजुकेशन भी देना शुरू करें।
आइए आपको बताते हैं किस समय, किस तरह और क्यों दें अपने बच्चे को सेक्स एजुकेशन-
1. क्या मेरे बच्चे की उम्र सेक्स ऐजुकेशन के लिए सही है?
एक बच्चा उस समय सेक्स ऐजुकेशन के लिए रेडी हो जाता है जब वो अन-कंफर्टेबल सवालों के जवाब मांगने लगे। इन सवालो के जवाब मांगने के लिए किसी कट-ऑफ ऐज की जरूरत नहीं है। जब वो वेजाइना और पेनिस जैसे शब्दों को उनके सही नाम से बुलाने लगे तो समझ लीजिए कि उनसे बात करने का ये सही समय है। जब बच्चा बड़ा हो रहा होता है तो उसे बिना लॉजिक के बाते करना बंद कीजिए। उसे बताइए कि बच्चे कहां से आते हैं। उन्हें बताइए कि सिवाए डॉक्टर के और कोई भी उनके प्राइवेट पार्ट को हाथ नहीं लगा सकता।
2. इग्नोरेंस और इनोसेंस में होता जमीन आसमानका फासला
आपको इस बात को समझना होगा कि बच्चे की इनोसेंस और उनके सवालों का आप इग्ननोर नहीं कर सकते। आपको उनके साथ बातें साझा करनी होंगी। उनके सवालों का जवाब देना होगा। ये भी नहीं कि उनके इस सवाल का जवाब आप घुमा-फिरा कर दें। उन्हें सही-सही जवाब दीजिए।
3. कैसे करें बात की शुरुआती
आपको इस बात का शुक्रिया करना चाहिए कि जिस समय में हम हैं उस समय इंटरनेट पर इतनी सारी सुविधाएं हैं जिनकी मदद से हम बच्चों को बहुत कुछ आसानी से समझा सकते हैं। आप चाहें तो अपने बच्चों को सोशल मीडिया से जोड़कर उनके सवालों का जबाव दें।