कोलकाताः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नेता अमित मालवीय के ट्वीट पर कहा कि एक राजनीतिक दल का आईटी सेल पश्चिम बंगाल सरकार की छवि धूमिल करने के लिए फर्जी खबरों का इस्तेमाल कर रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा के आईटी सेल पर निशाना साधते हुए कोविड-19 के मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ कथित तौर पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। साथ ही मुख्यमंत्री ने संकट की इस घड़ी में 'ओछी राजनीति' से बचने को कहा।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर पश्चिम बंगाल सरकार पर कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया था। इसके बाद ही बनर्जी का बयान आया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने भाजपा अथवा मालवीय का नाम नहीं लिया।
बनर्जी ने कोविड-19 से निपटने के तहत नीति निर्माण संस्था 'वैश्विक सलाहकार बोर्ड' के गठन की भी घोषणा की। यह संस्था बंगाल में इस महामारी के खात्मे के लिए नीति तैयार करने में राज्य सरकार की मदद करेगी। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी बोर्ड के सदस्य होंगे।
ममता ने प्रेस वार्ता में कहा, '' एक पार्टी की आईटी सेल पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने के लिए फर्जी खबरों को इस्तेमाल कर रहा है। हमारे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बीमारी से निपटने के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। यह ओछी राजनीति का समय नहीं है। हमने संकट से निपटने को लेकर केंद्र सरकार की कमियों पर कभी ध्यान नहीं दिया।'' उन्होंने कहा, '' वे बर्तन बजाकर और पटाखे फोड़कर राजनीति करने के इच्छुक होंगे लेकिन हम नहीं हैं।'' पश्चिम बंगाल में फिलहाल कोविड-19 के 61 मामले दर्ज किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से हुई मौतों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई। भाजपा सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमित मालवीय ने राज्य सरकार पर संक्रमण के मामलों की जानकारी ‘छुपाने’ का आरोप लगाया जिस पर सत्ताधारी दल तृणमूल ने जवाब देते हुए कहा कि “फर्जी खबरों को फैलाने में पीएचडी हासिल कर चुके व्यक्ति को आंकड़ों की प्रमाणिकता पर ट्वीट नहीं करना चाहिए।”
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बंगाल हालांमें अब तक कोविड-19 के 80 मामलों की पुष्टि हुई है और तीन व्यक्तियों की मौत हुई है। हालांकि गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार संक्रमण के कारण दस लोगों की मौत हो चुकी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट की एक सीरीज में सोमवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार कोविड-19 के मामलों के संबंध में आंकड़े छुपा रही है। मालवीय ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी क्या छुपा रही हैं? बंगाल सरकार की ओर से दो, तीन और पांच अप्रैल को कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया।
आश्चर्यजनक रूप से चार अप्रैल को जारी हुए बुलेटिन में कोविड-19 से हुई मौतों का कोई जिक्र नहीं था। इसके साथ ही यह भी जानिए की ममता प्रशासन ने कोविड-19 से होने वाली मौतों का कारण पता करने के लिए समिति बनाने का आदेश दिया है।”
मालवीय ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “बंगाल में अस्पताल प्रशासन ममता बनर्जी के दबाव में काम कर रहे हैं। उन पर कोविड-19 के मामलों की जांच नहीं करने का दबाव है। डॉक्टरों से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना वायरस न लिखें।”
इसका जवाब देते हुए वरिष्ठ तृणमूल नेता और लोक सभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि मालवीय को आंकड़ों की प्रमाणिकता की बात करना शोभा नहीं देता। दस्तीदार ने ट्वीट किया, “जब भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के सीईओ और फर्जी खबर फैलाने में पीएचडी हासिल करने वाले आंकड़ों की प्रमाणिकता पर ट्वीट करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोविड-19 सामाजिक दूरी बनाने की बात कर रहा हो और आप पर लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने का आरोप लगा रहा हो।” एक अन्य वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि संकट के इस समय में मालवीय को मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।