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कांग्रेस नेता हरीश रावत बोले-सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया तो भाजपा पड़ेगी भारी, संगठन और धनबल में बीजेपी आगे

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 18, 2021 21:22 IST

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा, ''पार्टी की ओर से जनता के सामने यह स्पष्ट होना चाहिए कि कौन चेहरा है. कांग्रेस के लिए यह जरूरी है,क्योंकि भाजपा हर चुनाव को 'मोदी बनाम कांग्रेस के स्थानीय नेता' बना देती है.

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ठळक मुद्देविधानसभा चुनाव में भाजपा अपने संगठन और धनबल की बदौलत कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है.अमरिंदर सिंह को पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो हमें फायदा हुआ. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आगे किया तो हारा हुआ लग रहे चुनाव में हम बराबर की लड़ाई में आ गए.

नई दिल्लीः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने राज्य में पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अगर पार्टी ने ऐसा नहीं किया तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने संगठन और धनबल की बदौलत कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है.

कांग्रेस महासचिव रावत ने कहा, ''पार्टी की ओर से जनता के सामने यह स्पष्ट होना चाहिए कि कौन चेहरा है. कांग्रेस के लिए यह जरूरी है,क्योंकि भाजपा हर चुनाव को 'मोदी बनाम कांग्रेस के स्थानीय नेता' बना देती है. विधानसभा चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर लड़ने के लिए चेहरे की जरूरत है.''

उन्होंने कहा, '' अमरिंदर सिंह को पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो हमें फायदा हुआ. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम आगे किया तो हारा हुआ लग रहे चुनाव में हम बराबर की लड़ाई में आ गए. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि चेहरा होने से असमंजस नहीं रहेगा जिसका हमें फायदा होगा.'' रावत के मुताबिक, पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा थी, लेकिन फिर इसमें बदलाव कर दिया गया. अब हालात बदल रहे हैं तो इस परंपरा को बदलकर जल्द चेहरा घोषित करना चाहिए.

उत्तराखंड में कांग्रेस की जमीनी स्थिति के बारे में पूछने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''हमारी इससे बेहतर स्थिति 2017 में थी, लेकिन उस समय नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व के माहौल में हम गच्चा खा गए. कांग्रेस के वोट प्रतिशित में कमी नहीं आई, लेकिन उनके दूसरे वोटर बढ़ गए. इसीलिए हम चाहते हैं कि इस बार बहस स्थानीय मुद्दों पर हो.'' हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा और सतपाल महाराज जैसे नेताओं की कांग्रेस में वापसी की संभावना पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''अगर भाजपा टूट रही हो तो मैं इन लोगों के आने का स्वागत करूंगा, लेकिन अगर दो-चार लोग आ रहे हैं तो फिर उनकी क्या जरूरत? वो दलबदलू हैं.

इनकी उपयोगिता तब है जब भाजपा में विभाजन हो रहा हो. अगर ये अकेले आएंगे तो इनसे कोई फायदा नहीं होगा.'' जिम्मेदारी मिली तो पूरी तरह निभाऊंगा रावत ने मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश करने के सवाल पर कहा, ''मेरी दावेदारी का सवाल नहीं है. अगर किसी और नाम को भी घोषित करते हैं तो मैं साथ खड़ा हूं.

लेकिन मैं राजनीति में हूं और किसी जिम्मेदारी से इनकार कैसे कर सकता हूं. जिम्मेदारी मिलने पर उसे पूरी तरह निभाऊंगा.'' उन्होंने कहा कि पार्टी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक की दल की नेता इंदिरा हृदयेश सहित कई ऐसे नाम हैं,जिनमें से पार्टी किसी को भी घोषित करती है तो मैं उसका पूरा सहयोग करूंगा.'

टॅग्स :उत्तराखण्डहरीश रावतभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)अमरिंदर सिंहपंजाबहरियाणा
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