बिहारः NDA में केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा अलग-थलग पड़े, रालोसपा के टूटने की संभावना
By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2018 05:15 PM2018-11-13T17:15:09+5:302018-11-13T17:15:09+5:30
कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है- 'समेटिए नीतीश कुमार जी अपने लोगों को! केवल दहेज लेना-देना ही अपराध नहीं है बल्कि किसी पार्टी को डैमेज करने हेतु लोभ व प्रलोभन देना भी अपराध एवं घोर अनैतिक कुकृत्य है! ऐसे में यह कोई नहीं मानेगा कि आपकी पार्टी में ऐसा कुकृत्य, आपकी सहमति के बगैर हो रहा होगा!'
बिहार की राजनीति में उपेन्द्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच चल रही किचकिच में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के द्वारा मुख्यमंत्री के पक्ष में खड़े हो जने के बाद से उपेन्द्र कुशवाहा अलग-थलग पड़ गए हैं। ऐसे में अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सीट बंटवारे से नाराज उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का साथ छोड़कर वो नए साथी की तलाश में है। ऐसे में शरद यादव और कुशवाहा के बीच हुई मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर राजग में फिर से पेच फंस गया है।
इस बीच लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत दी है कि जदयू हमारे विधायक को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं होगी। उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी कहा कि अमित शाह से मुलाकात के दौरान भी वो इस मुद्दे को उठाएंगे।
कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है- 'समेटिए नीतीश कुमार जी अपने लोगों को! केवल दहेज लेना-देना ही अपराध नहीं है बल्कि किसी पार्टी को डैमेज करने हेतु लोभ व प्रलोभन देना भी अपराध एवं घोर अनैतिक कुकृत्य है! ऐसे में यह कोई नहीं मानेगा कि आपकी पार्टी में ऐसा कुकृत्य, आपकी सहमति के बगैर हो रहा होगा!'
कुशवाहा ने आगे लिखा है- 'वैसे तो नीतीश कुमार जी, आपको तोड-जोड में महारत हासिल है। बसपा, लोजपा, राजद, कांग्रेस और अब रालोसपा।! लेकिन बिहार व देश की जनता सब देख रही है। हम गरीबों, शोषितों, वंचितों, दलितों, पिछडों और गरीब सवर्णों के हक के लिए लडते रहेंगे। आप चाहे जितना प्रहार करें।'
हालांकि, इसके पहले रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद कुशवाहा ने कहा था कि नीतीश कुमार जी हमारे विधायक को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं। वह उपेंद्र कुशवाहा और उनसी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह मुझे कोई क्षति नहीं पहुंचा पाएंगे। वह एनडीए का हिस्सा हैं और हम भी हैं। उन्हें इस तरह की चीजें नहीं करना चाहिए।'
इस बीच लोजपा सांसद चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी। उपेन्द्र कुशवाहा और शरद यादव के मुलाकात पर चिराग पासवान ने सवाल उठाया था और कहा कि 'अगर आप एनडीए का हिस्सा है तो फिर विकल्प की तलाश क्यों? अगर मतभेद है तो मिल बैठक कर मुद्दों को सुलझाया जा सकता है।'
यहां बता दें कि कुछ दिनों पहले ही नीतीश ने कुशवाहा को ’नीच’ कह दिया था। जिसके बाद कुशवाहा समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कुशवाहा समर्थकों पर लाठीचार्ज किया था। इससे पहले केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ऐलान किया था कि वह किसी भी सूरत में तीन सीट से कम पर नहीं मानेंगे। हालांकि, उन्होंने नीतीश कुमार को बिहार में लालू प्रसाद यादव के समकक्ष बडा नेता मानने से इनकार किया।
फिलहाल, सीटों के बंटवारे में कम सीटों का ऑफर ही उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई अटकलबाजियों को जन्म दे रहा है। ऐसे में अब रालोसपा प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के निर्णय पर लोगों की निगाहें टिकी हैं कि आखिर वे किधर जाते हैं? वहीं, कहा जा रहा है कि सीटों के तालमेल को लेकर भाजपा, जदयू और नीतीश कुमार से रूठने-मनाने के बीच रालोसपा के कुछ नेता राजद से भी अपनी बातचीत जारी रखे हुए हैं।
पार्टी में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा है कि यदि एनडीए में छह सीटों से कम मिलेगा तो फिर उनके लिए विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में भी बातचीत चल रही है। ज्यादा सीटें मिलेंगी तभी तो पार्टी में आए वरिष्ठ नेता चुनाव लड पाएंगे।’ नागमणि इस वक्त रालोसपा में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वो बिहार में कुशवाहा समाज से ही आते हैं जिससे उपेंद्र कुशवाहा हैं। वो बिहार लेनिन कहे जाने वाले जगदेव प्रसाद के बेटे हैं।