लाइव न्यूज़ :

UP Ki Taja Khabar: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- बिगड़ते जा रहे हैं उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के हालात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 10, 2020 20:37 IST

प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देने और निवेश आकर्षित करने के नाम पर भाजपा सरकार जो कदम उठाने जा रही है उससे अशांति और अव्यवस्था को ही निमंत्रण मिलेगा।

Open in App
ठळक मुद्दे उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जनता की आंखों में धूल झोंकने और अपनी नाकामयाबियों पर पर्दा डालने की तैयारी की है।जगह-जगह हजारों की भीड़ में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी पैदल या साइकिल से निकल पड़े हैं। उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं और कोरोना का संक्रमण अब नए जिलों में होने की सूचनाएं हैं । अखिलेश ने कहा, ''उत्तर प्रदेश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं और अब नये जिलों में कोरोना संक्रमण की सूचनाएं हैं। विभिन्न प्रदेशों में फंसे राज्य के श्रमिकों को वापस घर पहुंचाने का कार्यक्रम धीमा हो चला है। जगह-जगह हजारों की भीड़ में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग सभी पैदल या साइकिल से निकल पड़े हैं। उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है।''

उन्होंने एक बयान में कहा, ''प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देने और निवेश आकर्षित करने के नाम पर भाजपा सरकार जो कदम उठाने जा रही है उससे अशांति और अव्यवस्था को ही निमंत्रण मिलेगा। कानून-व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति में कौन निवेश करने आएगा? उत्तर प्रदेश सरकार ने अब जनता की आंखों में धूल झोंकने और अपनी नाकामयाबियों पर पर्दा डालने की तैयारी की है।''

अखिलेश ने कहा कि मजदूर विरोधी भाजपा सरकार श्रमिक कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित करते समय तर्क दे रही है कि इससे निवेश आकर्षित होगा जबकि इससे श्रमिक शोषण बढ़ेगा तथा साथ में श्रमिक असंतोष औद्योगिक वातावरण को अशांति की ओर ले जाएगा।

सच तो यह है कि ‘औद्योगिक शांति‘ निवेश की सबसे आकर्षक शर्त होती है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार की श्रमनीति से मालिकों को मनमानी करने और श्रमिकों का शोषण करने की खुली छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई श्रम नीति के कानूनों का पालन कराने के लिए कोई भी श्रम अधिकारी उद्योगों के दरवाजे तीन साल तक नहीं जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मालिक के कारखाने में श्रमिक को अब 12 घंटे काम करना होगा जबकि उसे आठ घंटे के हिसाब से मजदूरी मिलेगी।

मालिक के लिए श्रमिक को चार घंटे बेगारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में श्रमिकों ने आठ घंटे काम की जो गारन्टी अपने आंदोलनों से प्राप्त की थी उस पर भाजपा काली स्याही पोत देगी। उन्होंने कहा कि नयी श्रम नीति बनाकर पूंजीपतियों को खुश करने के क्रम में राज्य में कई शीर्ष निवेशक सम्मेलन हो गए। खूब धूमधड़ाका हुआ लेकिन एक नए पैसे का निवेश नहीं आया।

अखिलेश ने कहा कि निवेश तब आएगा जब कानून-व्यवस्था ठीक हो लेकिन यहां तो प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं और पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार ‘ठोको’ नीति के रास्ते पर चल रही है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि सरकार को अपने बारे में कुछ सुनना बर्दाश्त नहीं लोकतंत्र में सवाल उठाने वालों पर ही सवाल उठाने का मतलब होता है कि सरकार बचने के लिए पलटवार कर रही है पर वह अपना दोहरा चेहरा कब तक छुपाएगी। अखिलेश ने कहा, बड़े घरानों के लिए भाजपा बहुत सहृदय है जबकि अपने राज्य कर्मचारियों के वेतन भत्तों में भी वह निर्ममता से कटौती कर रही है। 

(पीटीआई भाषा से इनपुट)

टॅग्स :अखिलेश यादवकोरोना वायरस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतRJD के लिए जैसे गाने बने, वैसे गाने मत बना देना?, आखिर क्यों सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कलाकार साथियों से अपील की, वीडियो

भारत'SIR देशवासियों के खिलाफ बड़ी साजिश', सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बड़ा दावा, मोदी सरकार पर लगाए आरोप

भारत2025-2026-2027?, राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के बाद अगला नंबर ममता दीदी और फिर सपा बहादुर अखिलेश यादव का?, केशव प्रसाद मौर्य ने पोस्ट में लिखा, पढ़िए

भारतहिंदुत्व के नाम पर सरकार चलाना चाहते हैं?, माता प्रसाद पांडेय ने कहा- सीएम नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर करेगी बीजेपी

भारतकौन थे सुधाकर सिंह?, सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा...

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा