राजद में जारी संकट के बीच राजभवन पहुंचे तेजस्वी यादव, आरक्षण बचाने की मांग को लेकर सौंपा 10 सूत्री ज्ञापन, CM नीतीश कुमार पर किए तीखे हमले
By एस पी सिन्हा | Published: June 23, 2020 08:35 PM2020-06-23T20:35:50+5:302020-06-23T20:35:50+5:30
तेजस्वी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में छिपकर मुख्यमंत्री यही कर रहे थे. तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 90 दिनों तक सीएम हाउस में बैठ कर यही किया है. इससे बिहार को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है.
पटना: राजद में जारी संकट और विधान पार्षदों के पाला बदलने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजभवन पहुंचे. राजभवन पहुंचे तेजस्वी यादव ने आरक्षण को बचाने के लिए राज्यपाल को 10 सूत्री ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर एक बार फिर से धोखा देने का आरोप लगाया है. तेजस्वी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में छिपकर मुख्यमंत्री यही कर रहे थे.
राजभवन पहुंचे तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 90 दिनों तक सीएम हाउस में बैठ कर यही किया है. इससे बिहार को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है. लोगों को नहीं नीतीश कुमार को व्यक्तिगत रूप से फायदा होगा. नीतीश कुमार ने फिर से धोखा किया है. 2015 में भी जनता ने पूर्ण समर्थन दिया था लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटी मार ली थी. तेजस्वी ने कहा कि जो भी एमएलसी राजद से निकल कर जदयू में गए हैं, उनको शुभकामनायें हैं. तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कि विधान पार्षदों को अपने पार्टी में शामिल करने से बिहार के लोगों को क्या लाभ होगा? नीतीश कुमार के पास न ही कोई निति है और न ही कोई सिद्धांत है.
वहीं, डा. रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे को लेकर तेजस्वी ने कहा कि रघुवंश बाबू ने राजद पार्टी को सींचने का काम किया है. फिलहाल वह अस्वस्थ हैं, जैसे ही वह ठीक होंगे मैं (तेजस्वी) उनसे मिलूंगा. वहीं, नेपाल के माध्यम से बिहार पर बाढ के मंडरा रहे खतरे को लेकर उन्होंने कहा कि अपने 15 सालों के शासन काल में नीतीश सरकार ने प्रदेश को बाढ से बचाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है. तटबंधो की मरम्मती या नए बराज को लेकर सरकार कभी गम्भीर नहीं रही. कटाव, तटबंध मरम्मती और निर्माण के नाम पर सिर्फ़ लूट और लूट होती है.
तेजस्वी ने कहा है कि मानसून के दस्तक से बिहार के कोसी और गंडक नदी के मैदानी इलाक़ों के लोग आशंकित हैं. जान-माल, मवेशी का नुक़सान हर साल होता आ रहा है, लोग विस्थापन का सामना करते आ रहे हैं. लेकिन इस निकम्मी सरकार ने 15 वर्षों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. भ्रष्टाचार का आलम ये है की यहां चूहे बांध खा जाते हैं. उन्होंने कहा है कि डबल इंजन सरकार को नेपाल सरकार से वार्ता कर ठोस तैयारी करनी चाहिए, ताकि बाढ जैसी विभीषिका का प्रभाव और नुक़सान कम हो सके. लेकिन सरकार के पास नियत और प्रबंधन की कमी है जिसका खामियाजा हमारे कोसी इलाके के भाइयों को भुगतना पडता है. तेजस्वी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अभी तक बाढ के ख़तरों को लेकर ना कोई बैठक की और ना ही प्रभावित क्षेत्रों में जाकर तैयारी का जायजा लिया. खानापूर्ति के नाम पर आलीशान बंगले में बैठ बिना मीडिया से बात किए एक प्रेस नोट भेज देंगे. संबंधित विभाग के मंत्री को तो कोई लेना-देना ही नहीं है. तटबंधो की मरम्मती या नए बराज को लेकर सरकार कभी गम्भीर नहीं रही. कटाव, तटबंध मरम्मती और निर्माण के नाम पर सिर्फ़ लूट और लूट होती है.
वहीं राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से तेजस्वी ने कहा कि बिहार सहित देशभर में आरक्षण और इसके विभिन्न प्रावधानों पर चौतरफा हमला किया जा रहा है. जब से एनडीए की सरकार बनी है. केंद्र सरकार और उनकी तमाम एजेंसियां आरक्षण को खत्म करने में लगी हुई हैं. तेजस्वी ने इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि एक रिपोर्ट के अनुसार 43 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक भी ओबीसी असोसिएट प्रोफेसर या प्रोफेसर नहीं है. इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने एससी/एसटी के आरक्षण संबंधित धाराओं एवं प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की है. तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह मूलरूप से समाज में सदियों से चली आ रही सामाजिक असमानता को समाप्त करने की व्यवस्था की गई है.