नई दिल्ली:कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर छिड़ा संग्राम उग्र हो गया है। इधर सोनिया गांधी ने पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल को आज साफ़ कर दिया कि अंतरिम अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है अतः पार्टी नए अध्यक्ष के चयन के प्रक्रिया शुरू करे। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, तो ऐसे में इस्तीफा देने की बात ही नहीं है। यह जरूर है कि सोनिया गांधी ने केवल आगे इस पद पर बने रहने से इनकार कर दिया है।
ऐसे में कल होने वाली कार्य समिति की बैठक में ज़बरदस्त हंगामा होने की ख़बरें हैं। आज दिन भर राहुल समर्थकों और नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने वाले नेताओं की बैठकें होती रहीं ताकि कल के लिए रणनीति बनायीं जा सके।
सूत्र बताते हैं कि कल बैठक प्रारम्भ होते ही राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग उठेगी, मांग उठाने वाले इस बात पर भी ज़ोर देंगे कि जिन नेताओं ने नेतृत्व के सवाल को लेकर हंगामा खड़ा किया है उनके विरुद्ध करवाई हो।
पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की मांग करनेवाले आनंद शर्मा, ग़ुलामनवी आज़ाद , कपिल सिब्बल , विवेक तन्खा , पृथ्वी राज चव्हाण, वीरप्पा मोइली , शशि थरूर , भूपेंद्र हूडा , राज बब्बर , मनीष तिवारी और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं को लेकर पार्टी का क्या रुख हो इस पर भी फैसला लिए जाने की मांग वह नेता करेंगे जो राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।
गांधी परिवार के समर्थन में पार्टी नेताओं का एक बड़ा वर्ग खुल कर सामने आ गया है , उनकी मांग है कि या तो राहुल अध्यक्ष पद संभाले अथवा सोनिया गाँधी के ही नेतृत्व में पार्टी काम करे। इन नेताओं में भूपेश बघेल , कैप्टन अमरिंदर सिंह, अधीर रंजन चौधरी, वी नारायण सामी के अलावा वे सभी युवा नेता शामिल हैं जो राहुल से जुड़े हुए हैं।
लोक सभा के अधिकांश पार्टी सांसदों का भी समर्थन राहुल के पक्ष में खड़ा हो गया है। पार्टी के नेता सलमान ख़ुर्शीद का कहना था कि राहुल को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन है अतः उनको पार्टी की बागडोर संभालनी चाहिए। माणिक टैगोर , चल्ला वी रेड्डी , अमित चावड़ा सहित तमाम प्रदेश के नेताओं ने राहुल के पक्ष में लामबंदी कर ली है।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले नेताओं के पीछे पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल का दिमाग काम कर रहा है जबकि पार्टी के अन्य नेता गाँधी परिवार को अलग रखकर किसी दूसरे नेता को पार्टी का अध्यक्ष स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। कल की बैठक में इसी सवाल पर ज़ोरदार हंगामा होगा जिसके बाद नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया तय करने को लेकर फैसला हो सकता है।