ब्रिटेन: राहुल गांधी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक, कार्यक्रम स्थल में घुसे 4 खालिस्तान समर्थक
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 26, 2018 08:11 AM2018-08-26T08:11:33+5:302018-08-26T12:40:27+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिन के जर्मनी दौरे के बाद दो दिन के ब्रिटेन दौरे पर गये थे। शनिवार को ब्रिटेन दौरे के आखिरी दिन उन्होंने भारतीय मूल के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
ब्रिटेन के दो दिवसीय दौरे पर गये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम में बड़ी चूक हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक राहुल के एक कार्यक्रम में घुस गये और उन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए।
रिपोर्ट के अनुसार तीन पुरुष और एक महिला खालिस्तानी समर्थक राहुल के कार्यक्रम में घुसपैठ करने में सफल रहे।
राहुल का कार्यक्रम रमादा होटल में था जिसमें कांग्रेस के करीब एक हजार भारतीय मूल के समर्थक इकट्ठा थे।
रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तानी समर्थक कुछ घण्टों तक राहुल के कार्यक्रम में बैठे रहे। आयोजकों को जब उनकी मौजूदगी का पता चला तो उन्होंने खालिस्तान समर्थकों को बाहर निकलने के लिए कहा लेकिन वो नहीं माने तो पुलिस बुलानी पड़ी।
राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
स्टेज पर गाना गवा कर लोगों का ध्यान बँटाया गया
ब्रिटिश समय के अनुसार शाम के करीब 7.45 बजे यह घटना हुई। काफी संख्या में सुरक्षा बलों ने खालिस्तान समर्थकों के टेबल को घेर लिया। ज्यादा लोगों का ध्यान इस घटनाक्रम पर न जाए इसलिए स्टेज पर एक गायक को गाने के लिए भेजा गया।
जब पुलिस ने इन लोगों को बाहर निकाला तो वो 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने लगे। सभी खालिस्तान समर्थकों ने काली पगड़ी और काले कपड़े पहन रखे थे।
खालिस्तान समर्थकों को कार्यक्रम स्थल से निकाले जाने के करीब 30 मिनट बाद राहुल गांधी वहाँ पहुँचे। टीओआई के अनुसार कुछ संगठन राहुल के दौरे से पहले ही व्हाट्सऐप ग्रुप पर कार्यक्रम में व्यवधान की तैयारी कर रहे थे।
क्या है खालिस्तान?
कुछ सिख अलगाववादी भारत के पंजाब एवं अन्य इलाकों को अलग सिख राष्ट्र बनाने की माँग करते हैं।
सिख आतंकवादी जनरैल सिंह भिंडरावाले सिख अलगाववादियों का सरगना था।
भिंडरावाले ने अपनी निजी सेना बना ली थी और अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भिंडरावाले को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए भारतीय सेना को आदेश दिया।
सेना ने 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' नामक अभियान के तहत कार्रवाई की जिसमें भंडरावाले समेत उसके सैकड़ों समर्थक मारे गये।
स्वर्ण मंदिर सिखों का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। कई सिख स्वर्ण मंदिर में सेना के घुसने की इजाजत देने के लिए इंदिरा गांधी से नाराज थे।
31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।