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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कोरोना महामारी धर्म और जाति के आधार पर नहीं करती भेदभाव, एकजुट होकर करना होगा मुकाबला

By भाषा | Updated: April 20, 2020 17:17 IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अब तक देशभर में 17265 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 543 लोगों की मौत हो गई है और 2546 लोग ठीक हुए हैं।

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ठळक मुद्देप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कुछ धड़े जानबूझकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की धारणा पेश कर रहे हैं।जावड़ेकर ने कहा कि सभी लोगों को ‘‘एक भारत, एक लोग’’ की भावना के साथ इस लड़ाई में सहयोग करना चाहिए।

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि कुछ धड़े जानबूझकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के संबंध में धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की धारणा पेश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी लोगों को ‘‘एक भारत, एक लोग’’ की भावना के साथ इस लड़ाई में सहयोग करना चाहिए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ‘‘सभी तरह की फर्जी खबरों’’ के खिलाफ है। उन्होंने सरकार के आलोचकों पर झूठ बोलने और पकड़े जाने पर माफी भी नहीं मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के मामले रेखांकित करते हुए कहा कि इन पर उस तरह की चर्चा नहीं हुई जैसी की होनी चाहिए थी। जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करती और इसलिए सभी को इसका एकजुट हो कर मुकाबला करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए सभी को उन लोगों के मामलों में सहयोग करना चाहिए जिन्हें जांच कराने के लिए कहा जा रहा है या संक्रमित पाए जाने पर पृथकवास या अस्पताल में ले जाया जा रहा है। सभी को ‘‘ एक भारत, एक लोग’’ की भावना के साथ सहयोग करना चाहिए।’’ एक धड़े द्वारा एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने के इरादे से तबलीगी जमात के कार्यक्रम जैसी घटनाओं को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के दावे पर पूछने पर जावड़ेकर ने कहा कि यह गलत है और इसे रोका जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक देश है और यहां के लोग एक हैं। सरकार भेदभाव नहीं करती है। कोविड-19 के खिलाफ अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण है जहां पर कई मामलों में प्रतिरोध होने के बावजूद मरीजों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जा रहे हैं।’’

जावड़ेकर ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की धारणा को आगे बढ़ा रहे हैं। आलोचकों पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक वकील-कार्यकर्ता ने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान भूख की वजह से परेशान एक मां ने अपने पांच बच्चों को नदी में डुबो दिया।

उन्होंने कहा लेकिन बाद में पता चला कि यह घटना पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह से हुई और परिवार के पास खाने की कोई कमी नहीं थी। जावड़ेकर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के कथित बयान के बारे में भी कहा जो आदित्यनाथ कभी दिया ही नहीं था। उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने आने के बाद भी झूठे बयान प्रसारित करने वालों ने माफी नहीं मांगी।

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