दिल्ली के अम्बेडकर नगर से विधायक अजय दत्त ने हाल ही में संत रविदास के एक मंदिर को ढहाए जाने के खिलाफ गुरूवार को दिल्ली विधानसभा के बाहर अपनी कमीज फाड़ डाली।
आप विधायक ने कहा, ‘‘ अगर भारतीय जनता पार्टी हमें जीने नहीं देना चाहती है तो उसे हमें डंडों से मारना चाहिए।’’ रविदास मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ढहा दिया था। बुधवार को दलित प्रदर्शनकारियों ने इस ध्वंस के खिलाफ सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन किया था और इससे दिल्ली के विभिन्न भागों में यातायात ठहर सा गया था।
प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से मंदिर को दोबारा बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे और इस हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित बहुत से लोग घायल हो गए थे।
रविदास मंदिर तोड़ने के विरोध में हुई हिंसा का बसपा से कोई लेना-देना नहीं : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में रविदास मंदिर ढहाये जाने के विरोध में हुई तोड़फोड़ को अनुचित बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बुधवार को जो तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं वे अनुचित हैं और उससे बसपा का कुछ भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा संविधान और कानून का हमेशा सम्मान करती है और वह कानून के दायरे में रहकर ही संघर्ष करती है।
मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं को हिदायत दी कि तुगलकाबाद में रविदास मंदिर गिराए जाने की अति दुखद घटना के बाद अगर सरकार वहां धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो कार्यकर्ता उसका उल्लंघन ना करें और घटनास्थल पर जबरन जाने की कोशिश ना करें ताकि सरकार को निरंकुश और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करके उन्हें प्रताड़ित करने का कोई मौका न मिल सके। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था।
इसके विरोध में बृहस्पतिवार को दलितों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर स्थल तक जाने की अनुमति नहीं दी थी जिसके कारण प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। इसे काबू में करने के लिये पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसूगैस छोड़नी पड़ी। इस मामले में 'भीम आर्मी' के संस्थापक चंद्रशेखर समेत करीब 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सरकार तुगलकाबाद में भूखंड दलित समुदाय को सौंपे और मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जाए।