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संजय राउत का मोदी सरकार पर हमला, कहा- अहमदाबाद में ट्रंप के स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम से फैला कोविड-19

By भाषा | Updated: May 31, 2020 15:32 IST

संजय राउत ने कहा कि यदि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कोरोना वायरस मामलों से निपटने में विफलता को आधार बनाया जा रहा है तो कम से कम 17 अन्य राज्यों में भी यही किया जाना चाहिए जिनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं।

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ठळक मुद्देसंजय राउत ने कहा कि महामारी को रोकने में केंद्र सरकार भी विफल रही है क्योंकि उसके पास कोई योजना नहीं थी।संजय राउत ने कहा कि लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया और अब बिना किसी योजना के इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है।

मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि गुजरात और बाद में मुंबई और दिल्ली में कोरोना वायरस फैलाने के लिए फरवरी में अहमदाबाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में आयोजित किया गया कार्यक्रम जिम्मेदार है जिसमें ट्रंप के शिष्टमंडल के कुछ सदस्यों ने हिस्सा लिया था। राउत ने केंद्र सरकार की भी आलोचना करते हुए कहा कि लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया लेकिन अब इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है।

शिवसेना सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को गिराने की भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद महा विकास अघाडी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसका अस्तित्व कायम रखना शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की मजबूरी है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ में राउत ने कहा, “इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में एकत्रित हुए जनसमूह के कारण गुजरात में कोरोना वायरस फैला।

ट्रंप के साथ आए शिष्टमंडल के कुछ सदस्य मुंबई, दिल्ली भी गए थे जिसके कारण विषाणु फैला।” ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को अहमदाबाद में एक रोडशो में हिस्सा लिया था जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। रोडशो के बाद दोनों नेताओं ने मोटेरा क्रिकेट मैदान में एक लाख से अधिक लोगों को संबोधित किया था। गुजरात में कोरोना वायरस का पहला मामला 20 मार्च को सामने आया था जब राजकोट के एक व्यक्ति और सूरत की एक महिला में संक्रमण की पुष्टि हुई थी।

राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत महा विकास अघाडी सरकार को गिराने और कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम में विफल रहने का आरोप लगाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का कोई भी प्रयास आत्मघाती सिद्ध होगा। उन्होंने कहा, “राज्य ने देखा है कि कैसे मनमानी से छह महीने पहले राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था और हटा लिया गया था।”

राउत ने कहा, “यदि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कोरोना वायरस मामलों से निपटने में विफलता को आधार बनाया जा रहा है तो कम से कम 17 अन्य राज्यों में भी यही किया जाना चाहिए जिनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। महामारी को रोकने में केंद्र सरकार भी विफल रही है क्योंकि उसके पास कोई योजना नहीं थी।”

उन्होंने कहा, “लॉकडाउन बिना किसी योजना के लागू किया गया और अब बिना किसी योजना के इसे हटाने की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी गई है। इस अनिश्चितता से संकट और बढ़ेगा।” राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लॉकडाउन के विफल होने का सटीक विश्लेषण किया था। उन्होंने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि कोरोना वायरस मामलों में वृद्धि के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर लोग राजनीति चमका रहे हैं।”  

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