सचिन पायलट ने 35 करोड़ ऑफर कर खरीद फरोख्त का आरोप लगाने वाले विधायक को भेजा लीगल नोटिस
By अनुराग आनंद | Published: July 22, 2020 12:09 AM2020-07-22T00:09:38+5:302020-07-22T00:09:38+5:30
इस मामले में सचिन पायलट ने सोमवार को कहा था कि वह 'विधायक के खिलाफ उचित और सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।
जयपुर:राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 35 करोड़ रुपये के ऑफर का आरोप लगाने वाले कांग्रेस विधायक गिरिराज मलिंगा को लीगल नोटिस भेजा है।
एनडीटीवी की मानें तो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक गिरिराज मलिंगा ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया था कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए 35 करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की थी।
इस मामले में पायलट ने सोमवार को कहा था कि वह 'विधायक के खिलाफ उचित और सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।
हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट को 24 जुलाई तक की मोहलत दी है-
राजस्थान में जारी सियासी पर हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट को 24 जुलाई तक की मोहलत दी है। हाई कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से कहा कि आप 24 जुलाई तक कोई भी कार्यवाही नहीं करेंगे। अभी हाई कोर्ट में चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि क्या 24 जुलाई को फैसला दिया जाए।
सचिन पायलट गुट की ओर से विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई शुरू हुई थी, अब मंगलवार तक सभी पक्षों ने अपनी दलीलें रखीं। राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार दोपहर 12 बजे सुनवाई पूरी हुई।
जानें सुनवाई से जुड़ी कुछ खास बातें-
-याचिका में पायलट और इन 18 विधायकों को राज्य विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस जारी करने को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता ने शुक्रवार को सुनवाई शुरू की और दलीलें सोमवार शाम तक सुनी गईं, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका। इस मामले में आज सुबह साढ़े दस बजे से फिर से सुनवाई शुरू हुयी थी ।
- कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद चीज़ों से नहीं लगता कि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी करते समय 'बुद्धि का इस्तेमाल' किया ।
-पायलट और कांग्रेस के अन्य बागी विधायकों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अपनी दलीलें पूरी कीं। बागी विधायकों ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में जारी कलह के बीच शुक्रवार को अदालत का रुख किया था। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बर्खास्त किए गए उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है।
-पीठ ने सुनवाई के दौरान गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘पब्लिक अगेन्स्ट करप्शन’ (पीएसी) की पक्षकार बनने की याचिका स्वीकार कर ली। एनजीओ ने सोमवार को याचिका दायर की थी। इस बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक जयपुर के बाहर एक होटल में मंगलवार को आरम्भ हुई। यह पिछले एक सप्ताह में विधायक दल की तीसरी बैठक है।
- विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को दलील दी थी कि याचिका समय से पहले दायर की गई है, क्योंकि सदन से विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने पर फैसला लिया जाना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर अदालत के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।