'ऐसा नहीं है कि मुझे गुस्सा नहीं आया या दुखी नहीं हुआ पर...', गहलोत के लगाए आरोपों पर सचिन पायलट का जवाब
By पल्लवी कुमारी | Published: August 12, 2020 09:08 AM2020-08-12T09:08:28+5:302020-08-12T09:08:28+5:30
कांग्रेस नेता सचिन पायलट सोमवार (10 अगस्त) को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने के बाद मंगलवार (11 अगस्त) को लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे हैं। सचिन पायलट ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सचिन पायलट की कांग्रेस के साथ सुलह होती दिख रही है। मंगलवार (11 अगस्त) को सचिन पायलट ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है लेकिन वह चाहते हैं कि उनके साथ आवाज उठाने वाले विधायकों के खिलाफ कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं हो। सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों पर भी बीते दिन जवाब दिया। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उन्हें अशोक गहलोत के आरोपों और उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर उनको गुस्सा नहीं आया हो...लेकिन उनका मिशन काफी बड़ा है, इसलिए वह इन बातों पर ध्यान नहीं देते। पायलट ने कहा कि उनका किसी से व्यक्तिगत द्वेष नहीं है।
ये कहना गलत होगा कि मुझे गुस्सा नहीं आया: सचिन पायलट
न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए सचिन पायलट ने अशोक गहलोत द्वारा निकम्मा और नकारा कहे जाने पर जवाब दिया, देखिए ये कहना गलत होगा कि मुझे ये सब सुनकर गुस्सा नहीं आया या मैं नाराज नहीं हुआ...क्योंकि मैं भी एक इंसान हूं। मैंने बहुत आहत और निराशा महसूस किया। लेकिन हमारा मिशन बहुत बड़ा है। लेकिन नाम-कॉलिंग कर मैं किसी को हतोत्साह नहीं करने वाला हूं।
पायलट ने कहा, मेरे बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ ऐसी बातें बोली गईं, जिनको मैं उचित नहीं मानता था। जिन शब्दों का प्रयोग हुआ, जिस शब्दावली का इस्तेमाल किया गया, उसे सुनकर मुझे दुख भी हुआ, आश्चर्य भी हुआ और पीड़ा भी हुई। उन्होंने कहा कि लेकिन राजनीति में उदाहरण स्थापित करने व संवाद में शालीनता, विनम्रता बनाए रखने की सोच के चलते उन्होंने कुछ नहीं बोला।
राजस्थान की जनता के लिए मेरी प्रतिबद्धता सौ प्रतिशत: सचिन पायलट
सचिन पायलट ने कहा, हमारी निष्ठा पर जो शक करने वाले लोग हैं, उनको आज हकीकत का सामना करना पड़ेगा। राजस्थान की जनता के लिए हमारी प्रतिबद्धता सौ प्रतिशत है। उन्होंने कहा, मतभेद वैचारिक हो सकता है, कार्यशैली का हो सकता है, सोच का हो सकता है लेकिन राजनीति में व्यक्तिगत द्वेष, व्यक्तिगत दुर्भावना, व्यक्तिगत टकराव.. इसकी कोई जगह नहीं होती। मेरा सब नेताओं के साथ अच्छे संबंध थे..हैं और रहेंगे।
पायलट ने कहा, प्रदेश सरकार के हित में जो बातें मैंने पहले बोली हैं, उस पर संज्ञान लिया गया और जब जब मुझे लगेगा, मैं अपनी बात रखूंगा। पायलट ने कहा, नेता हो, कार्यकर्ता हो, राजस्थान की जनता हो...हमारी जवाबदेही है और अगर कमी किसी बात की लगती है तो उसको रेखांकित करना... उसमें संशोधन करना... कहां से पार्टी के खिलाफ की बात है... कहां वो गैरकानूनी... कहां वो देशद्रोह की श्रेणी में आता है? इसलिये मेरा व्यक्तिगत कोई मुद्दा किसी से नहीं है।
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कहा था- 'निकम्मा व नकारा'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर तीखा हमले करते हुए उन्हें प्रदेशाध्यक्ष के रूप में 'निकम्मा व नकारा' बताते हुए कहा था कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने को तैयार हो गया। पायलट व कांग्रेस के 18 अन्य विधायक कथित तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व से नाराज हैं।