रुपेश सिंह हत्याकांडः पप्पू यादव का आरोप-हत्या में बड़े नेता, अफसर और माफिया हैं शामिल
By एस पी सिन्हा | Published: January 19, 2021 08:53 PM2021-01-19T20:53:38+5:302021-01-19T20:54:56+5:30
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि इंडिगो एयरलाइन्स के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या के तार बड़े-बड़े नेताओं, अधिकारियों और माफिया से जुड़े हुए हैं.
पटनाः बिहार की राजधानी पटना में हुए इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश कुमार सिंह के बहुचर्चित हत्याकांड में क्या पुलिस ने लीपापोती की तैयारी कर ली है?
8 दिन पहले हुए इस हत्याकांड में पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया है. न हत्यारे, न हथियार और ना ही हत्या से जुड़ा कोई और सामान. लेकिन आज बिहार पुलिस के डीजीपी ने दावा किया कि एयरपोर्ट पार्किंग के विवाद में रुपेश सिंह की हत्या हुई थी. हत्या किसने करवाई पुलिस ये भी नहीं बता पा रही है.
ऐसे में रुपेश सिंह हत्याकांड की जांच को लेकर जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि एसआईटी आज तक कुछ पता नहीं लगा पाई है. सरकार सिर्फ दिग्भ्रमित कर रही है. रुपेश के हत्याकांड में बडे़-बडे़ लोगों का हांथ है. इस हत्या को एक गहरी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. इन लोगों को बचाने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है. रुपेश सिंह के मोबाइल से मिली जानकारियों को जनता के समक्ष रखा जाए.
किस पूर्व मंत्री ने 2000 करोड़ के टेंडर में रुपेश से पैसा लिया? उसका नाम भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए. वरिष्ठ आइ.ए.एस. अधिकारी प्रत्यय अमृत पर सवाल खडे़ करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि प्रत्यय अमृत ने सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर पांच महिलाओं को विदेश भेजा. क्या सरकार के पास कोई कुबेर का खजाना है जिस कारण जनता के पैसों को बर्बाद किया गया?
विदेश जाने वाली पांच महिलाओं में से एक अंजलि आनंद की मौत एक वर्ष पूर्व हुई, जिसे आत्महत्या कहा गया था. लेकिन उसकी कभी जांच नहीं हुई और बिना पंचनामे के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. इस मौत की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि रुपेश की हत्या के राज को खोलने के लिए परत दर परत जांच होनी बहुत जरूरी है.
पप्पू यादव ने आगे कहा कि वर्ष 2018 और 2019 में दरभंगा में नहर का जो टेंडर हुआ, क्या उसमें रुपेश की हत्या का राज छिपा है? रुपेश की हत्या के तार बिजली, सिंचाई और पीएचईडी विभाग से जुडे हुए हैं. एक आइ.ए.एस. अधिकारी जो अभी पीएचईडी विभाग में हैं और पहले बिजली विभाग में थे. उनकी संलिप्तता संदिग्ध है. बिजली विभाग के बडे़-बडे़ टेंडरों में रुपेश के माध्यम से पैसों का लेनदेन हुआ.
कटिहार के जिलाधिकारी का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि कटिहार में जितने हथियार के लाइसेंस दिए गए उन सभी के अस्थायी निवास अफसर कॉलोनी में ही कैसे? इनमें से कई आपराधिक प्रवृति के लोग हैं. जिनमें अमरजीत राय, पंकज सिंह, मनीष सिंह शामिल हैं. इनके मोबाइल के लोकेशन के माध्यम से यह पता लगाया जाना चाहिए कि वे कटिहार में कितने दिन रहें हैं? इसकी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि 6 लाख रुपए लेकर अपराधियों को लाइसेंस दिया गया. वहीँ विपक्ष पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव कभी किसी पीडित परिवार से मिलने नहीं जाते. लेकिन रुपेश सिंह जैसे हाई प्रोफाइल मर्डर में पांच दिनों के बाद उनकी नींद खुल गई. बिहार में हर रोज 40 हत्याएं और एक दर्जन बलात्कार होते हैं. इन्हें सिर्फ बडे़ लोगों से मतलब है, आम आदमी की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने इस हत्याकांड की गहराई से जांच कराने की मांग की है.