देश की अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस का बड़ा हमला, कहा- ‘आर्थिक तबाही’ के लिए वित्त मंत्री इस्तीफा दें या प्रधानमंत्री उन्हें बर्खास्त करें

By भाषा | Published: September 3, 2020 01:26 PM2020-09-03T13:26:47+5:302020-09-03T13:26:47+5:30

कांग्रेस ने देश की कमजोर अर्थव्यस्था के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि आज देश में चारों ओर आर्थिक तबाही का घनघोर अंधेरा है। रोजी, रोटी, रोजगार खत्म हो गए हैं।

Regarding the economy of the country Congress said- Finance Minister should resign or the Prime Minister should sack him for 'economic destruction' | देश की अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर कांग्रेस का बड़ा हमला, कहा- ‘आर्थिक तबाही’ के लिए वित्त मंत्री इस्तीफा दें या प्रधानमंत्री उन्हें बर्खास्त करें

कांग्रेस का झंडा (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस का दावा है कि 6 साल से ‘एक्ट ऑफ फ्रॉड’ से अर्थव्यवस्था को डुबोने वाली मोदी सरकार अब इसका जिम्मा ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानि भगवान पर मढ़कर अपना पीछा छुड़वाना चाहती है।पूरे साल में अगर जीडीपी नकारात्मक 11 प्रतिशत तक भी गिरी, तो आम देशवासी की आय में बढ़ोत्तरी होने की जगह सालाना 14,900 रुपये कम हो जाएगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से सुझाए गए उपायों पर अमल करना चाहिए।

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने जीडीपी विकास दर में भारी गिरावट और बेरोजगारी को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर देश को आर्थिक आपातकाल की तरफ धकेलने का आरोप लगाया और कहा कि इस ‘आर्थिक तबाही’ के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात में सरकार के भीतर ‘बड़ी राजनीतिक और वित्तीय सर्जरी’ की जरूरत है।

सुरजेवाला ने जीडीपी में गिरावट, बेरोजगारी और राज्यों को जीएसटी के बकाये से जुड़े आंकड़ों का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘ आज देश में चारों ओर आर्थिक तबाही का घनघोर अंधेरा है। रोजी, रोटी, रोजगार खत्म हो गए हैं तथा धंधे, व्यवसाय व उद्योग ठप्प पड़े हैं।

अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है तथा जीडीपी पाताल में है

अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है तथा जीडीपी पाताल में है। देश को आर्थिक आपातकाल की ओर धकेला जा रहा है।’’ वित्त मंत्री के ‘दैवीय घटना’ (ऐक्ट ऑफ गॉड) वाले बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया, ‘‘6 साल से ‘एक्ट ऑफ फ्रॉड’ से अर्थव्यवस्था को डुबोने वाली मोदी सरकार अब इसका जिम्मा ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानि भगवान पर मढ़कर अपना पीछा छुड़वाना चाहती है।

सच ही है, जो भगवान को भी धोखा दे रहे हैं, वो इंसान और अर्थव्यवस्था को कहां बख्शेंगे!’’ उनके मुताबिक, 73 साल में पहली बार जीडीपी दर पहली तिमाही में घटकर माइनस 24 प्रतिशत होने का मतलब है कि देशवासियों की औसत आय धड़ाम से गिरेगी। अगर पूरे साल में अगर जीडीपी नकारात्मक 11 प्रतिशत तक भी गिरी, तो आम देशवासी की आय में बढ़ोत्तरी होने की जगह सालाना 14,900 रुपये कम हो जाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लोगों का विश्वास सरकार से पूरी तरह उठ चुका है। लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों से पूछिए, तो वो बताएंगे कि बैंक न तो कर्ज देते हैं और न ही वित्तमंत्री की बात में कोई वज़न। मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ का ‘जुमला आर्थिक पैकेज’ भी डूबती अर्थव्यवस्था, आर्थिक तबाही व गिरती जीडीपी को रोकने में फेल साबित हुआ।’’

73 साल में पहली बार केंद्र सरकार घोषित रूप से डिफॉल्टर हो गई है

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘73 साल में पहली बार केंद्र सरकार घोषित रूप से डिफॉल्टर हो गई है। वित्त सचिव ने 11 अगस्त, 2020 को संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति को साफ तौर से कहा कि भारत सरकार जीएसटी में प्रांतों का हिस्सा नहीं दे सकती व प्रांत कर्ज लेकर काम चलाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश को इस हालात में पहुंचाने के लिए क्या प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को अपने पद पर रहना चाहिए? यह सवाल में देश के लोगों के विवेक पर छोड़ता हूं।’’ एक अन्य सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सरकार में बड़ी राजनीतिक और वित्तीय सर्जरी की जरूरत है...हमारा यह मानना है कि ऐसी वित्त मंत्री को पद पर बने नहीं रहने चाहिए जो इस आर्थिक तबाही के लिए जिम्मेदार हैं।

उन्हें खुद इस्तीफा देना चाहिए या फिर प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से सुझाए गए उपायों पर अमल करना चाहिए जिनमें लोगों के खाते में पैसे डालने का सुझाव प्रमुख है। 

Web Title: Regarding the economy of the country Congress said- Finance Minister should resign or the Prime Minister should sack him for 'economic destruction'

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