राज्यसभा चुनावः 17 राज्य, 55 सीट, 26 मार्च को मतदान, भाजपा को बढ़त, विपक्षी ताकत होगी कम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2020 01:19 PM2020-02-25T13:19:10+5:302020-02-25T20:20:52+5:30

चुनाव आयोग ने कहा कि राज्यसभा में 17 राज्यों की ये सीटें सदस्यों के कार्यकाल पूरे होने के कारण अप्रैल में अलग-अलग तारीखों को रिक्त हो रही हैं। राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना छह मार्च को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 13 मार्च है।

Rajya Sabha elections for 55 seats on 26 March | राज्यसभा चुनावः 17 राज्य, 55 सीट, 26 मार्च को मतदान, भाजपा को बढ़त, विपक्षी ताकत होगी कम

भाजपानीत एनडीए और अन्य मित्रदलों की सदस्य संख्या राज्यसभा में 106 और अकेली भाजपा की 82 है।

Highlightsमतगणना चुनाव खत्म होने के करीब एक घंटे बाद 26 मार्च की शाम को ही की जाएगी।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ओर पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल (भाजपा) शामिल हैं। 

राज्यसभा की अप्रैल में रिक्त हो रही 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होगा। निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को यह घोषणा की।

आयोग ने कहा कि 17 राज्यों से इन 55 सीटों में से 51 सीटें सदस्यों के कार्यकाल पूरा होने के कारण अप्रैल में अलग-अलग तारीखों को रिक्त हो रही हैं जबकि चार सीटें सदस्यों के इस्तीफे के कारण पहले से ही रिक्त हैं। हाल में इस्तीफा देने वाले सदस्यों का कार्यकाल भी अप्रैल में समाप्त होना था।

राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना छह मार्च को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 13 मार्च है। मतगणना चुनाव खत्म होने के करीब एक घंटे बाद 26 मार्च की शाम को ही की जाएगी। उच्च सदन में जिन नेताओं का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश (जद-यू), केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले (आरपीआई-आठवले), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों विजय गोयल (भाजपा) और कुमारी शैलजा (कांग्रेस) और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शामिल हैं।

महाराष्ट्र में 7 और तमिलनाडु में 6 सीट पर मतदान

महाराष्ट्र से सात सीटें, तमिलनाडु से छह, पश्चिम बंगाल तथा बिहार से पांच-पांच, ओडिशा, गुजरात और आंध्र प्रदेश से चार-चार, असम, मध्य प्रदेश और राजस्थान से तीन-तीन, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा और झारखंड से दो-दो और हिमाचल प्रदेश, मणिपुर तथा मेघालय से एक-एक सीट रिक्त है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस को चुनाव में ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद है। तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस को 26 मार्च के चुनाव के बाद 245 सदस्यीय उच्च सदन में महत्वपूर्ण बढ़त मिलने की उम्मीद है। फिलहाल भाजपानीत एनडीए और अन्य मित्रदलों की सदस्य संख्या राज्यसभा में 106 और अकेली भाजपा की 82 है। जबकि 425 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 सदस्यों की आवश्यकता होती है। गौरतलब है कि 2018 और 2019 में भाजपा को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है, जिसका सीधा असर राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव परिणाम पर पड़ना स्वाभाविक है। दूसरी तरफ, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति 245 सदस्यीय राज्यसभा में सुधरेगी। इस समय भाजपा के राज्यसभा में 83, और कांग्रेस के 45 सदस्य हैं। समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में भाजपा की संख्या 83 के आसपास बनी रहेगी और सदन में बहुमत की उसकी आस फिलहाल पूरी नहीं हो पाएगी। जबकि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस को राज्यसभा में अपनी कुछ सीटें बढ़ाने का मौका मिलेगा।

इस साल राज्यसभा में विपक्षी ताकत होगी कम

राज्यसभा में विपक्ष की ताकत और कम होगी, क्योंकि इस साल 68 सीटें खाली हो रही हैं और इनको भरने के लिए होने वाले चुनावों में कांग्रेस को अपनी कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों में कांग्रेस की क्षमता कम होने के कारण पार्टी उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों में शामिल अपनी करीब 19 में से नौ सीटें तक गवां सकती है।

इस तरह की अटकलें हैं कि पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस को अपने दम पर नौ सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें जीत सकती है।

पार्टी उन राज्यों से सीटें हासिल कर सकती है, जहां वह सत्ता में है। कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सत्ता में है या सरकार में हिस्सेदार है। सूत्रों ने कहा कि अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ राजग धीरे-धीरे ऊपरी सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है।

राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी। मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी के हरिप्रसाद और एम वी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से, वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है।

भगवा दल को बड़ा लाभ

इसके अलावा, कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं।

राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी।

कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी।

सत्तारूढ़ राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और सरकार को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने के लिए अन्नाद्रमुक और बीजद जैसे मित्र दलों का समर्थन प्राप्त करना होता है। राज्यसभा में भाजपा के सबसे अधिक 82 सदस्य हैं और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। उच्च सदन की कुल क्षमता 245 है। राज्यसभा में 12 नामित सदस्य हैं, जिनमें से आठ भाजपा से जुड़े हैं।

 

Web Title: Rajya Sabha elections for 55 seats on 26 March

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