Rajya Sabha Election 2020: एमपी में रोचक मुकाबला, कांग्रेस एक्टिव मोड पर, पार्टी की नजर दूसरी सीट पर
By शिवअनुराग पटैरया | Published: June 4, 2020 07:24 PM2020-06-04T19:24:06+5:302020-06-04T19:24:06+5:30
कांग्रेस को लगता है कि मंत्री ना बन पाने वाले नाराज विधायकों से वह समर्थन हासिल कर सकती हैं. इसके साथ कमलनाथ सरकारक के जमाने में उसे समर्थन देने वाले निर्दलियों और छोटे दलों के विधायकों को भी मौका देखकर साथ लाया जा सकता है.
भोपालः मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के मतदान के पहले कांग्रेस ने सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है. कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में दूसरी सीट पर भी जीत दर्ज कराना चाहती है.
इसके लिए उसकी नजर शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई है. कांग्रेस को लगता है कि मंत्री ना बन पाने वाले नाराज विधायकों से वह समर्थन हासिल कर सकती हैं. इसके साथ कमलनाथ सरकारक के जमाने में उसे समर्थन देने वाले निर्दलियों और छोटे दलों के विधायकों को भी मौका देखकर साथ लाया जा सकता है.
इस समय मध्य प्रदेश विधानसभा जो सदस्य संख्या है उसके अनुसार कांग्रेस अपने बलबूते पर सिर्फ एक सीट जीत सकती है. अगर उसे दूसरी सीट पर जीत चाहिए तो उसे कम से कम 12 और विधायकों का समर्थन चाहिए. वह यह समर्थन भाजपा के नाराज विधायकों, निर्दलियों और छोटे दलों के विधायकों से समर्थन पाने की रणनीति पर काम कर रही है.
राज्यसभा चुनाव के मतदान के पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कुछ नेताओं और पूर्व मंत्रियों की एक बैठक बीती रात को कमलनाथ के निवास पर हुई. इस बैठक में यह रणनीति तय की गई कि कांग्रेस पूर्व में जिस तरह दो सीटों पर जीत दर्ज कराने की रणनीति पर चुनाव लड़ रही थी, ठीक उसी तरह हमें अब भी काम करना है.
सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को हमारे पाले में रखना है. कांग्रेस फिलहाल शिवराज मंत्रिमंडल पर नजरें टिकाए हुए है. कांगे्रस को इस बात की उम्मीद है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में उन विधायकों में नाराजगी फैलेगी जो मंत्री नहीं बन पाएंगे. ऐसे नाराज भाजपा विधायकों को कांग्रेस अपने पाले में लाने की रणनीति बना रही है. उसे लगता है कि अगर भाजपा के आधा दर्जन से ज्यादा नाराज विधायकों का कांग्रेस को साथ मिल जाए तो वह निर्दलियों, सपा और बसपा के विधायकों को अपने पक्ष में ला कर दूसरी सीट पर कब्जा कर सकती है.
गौरतलब है कि वर्तमान में राज्य विधानसभा कांग्रेस के 92 विधायक है और भाजपा के 107. इसके अलावा सपा के 1, बसपा के 2 और निर्दलीय 4 विधायक हैं. इस सदस्य संख्या के आधार पर राज्य सभा के एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 52 मत चाहिए.
इस आंकड़े के आधार पर भाजपा के पास अपने दोनों प्रत्याशियों को जिताने के लिए पर्याप्त विधायक है. जबकि कांग्रेस अपने दम पर सिर्फ एक सीट पर जीत सकती है. उसे अगर दूसरी सीट पर भी जीत चाहिए है तो उसे कम से कम 12 गैर कांग्रेसी विधायकों से समर्थन जुटाना होगा. इन 12 लोगों की व्यवस्था कांग्रेस भाजपा के असंतुष्टों के साथ साथ निर्दलियों और छोटे दलों के विधायकों में तलाश रही हैं.
गेहूं उत्पादन में पंजाब को पीछे छोड़ने वाला है मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट कर कहा है कि मैं अन्नदाताओं को प्रणाम करता हूं. अन्न उत्पादन के सारे रिकार्ड टूट गए हैं. अब तक हमने 1 करोड़ 25 लाख 60 हजार मैट्रिक टन गेहूं खरीद लिया है. शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि हम पंजाब को पीछे छोड़ने जा रहे हैं. उन्होंने किसानों से कहा कि निसर्ग आ गया और बारिश हो रही है, धैर्य रखें संकट की हर घड़ी में सरकार आपके साथ है.
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ, 2 गज की दूरी रखकर संक्रमण से करें सुरक्षा : शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए पूरी सावधानियां रखें अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, जरूरत के लिए बाजार और अन्य गतिविधियां शुरू कर दी गई है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन यापन की दृष्टि से अनलाक वन में कई तरह की छूट दी गई है, लेकिन छूट के बाद कहीं-कहीं ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा. प्रदेश में इस समय कोरोना के छह हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता है.
मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से अपील की है कि पर्याप्त सावधानियां जैसे 2 गज की दूरी, फेस मास्क का उपयोग, बार-बार हाथ धोने, सार्वजनिक जगहों पर न थूकने और लोगों से हाथ मिलाने की बजाए नमस्ते करने जैसे उपायों पर अमल किया जाए. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है जान है तो जहान है. अभी निरंतर सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की जनता को संदेश में कहा कि 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने तत्काल ही सभी आवश्यक कदम उठाकर कोरोना से लोगों के बचाव के प्रयास प्रारंभ किए. आज प्रदेश में 21 टेस्टिंग लैब और प्रतिदिन छह हजार टेस्ट की क्षमता विकसित हो चुकी है. आईसीयू और बेड व्यवस्था का एक तिहाई ही उपयोग हो पा रहा है. प्रदेश का कोरोना से रिकवरी रेट देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और देश के औसत रिकवरी रेट से भी अधिक है.