लाइव न्यूज़ :

राजस्थान राजनीतिक संकट: पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह का ट्वीट-‘मैं बोलता हूं, तो इल्ज़ाम है बग़ावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है’

By भाषा | Updated: July 14, 2020 14:48 IST

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार और (कांग्रेस) पार्टी अंतर्विरोध और अंतर कला की शिकार थी नतीजा अपमानित होकर सचिन पायलट को कांग्रेस से अलग होना पड़ा। ये दुर्भाग्य है राजस्थान का कि उसकी जनता को ऐसा नेतृत्व मिला था। हम अपनी तरफ से फ्लोर टेस्ट की डिमांड नहीं कर रहे हैं।

Open in App
ठळक मुद्देकुशासन के विरोध में आवाज उठाना ही सही मायने में वर्तमान का सेवाधर्म और प्राचीन काल का राजधर्म है।वर्तमान का घटनाक्रम राजस्थान की कांग्रेस सरकार के जनविरोधी शासन का परिचायक है।गहलोत सरकार के उन तीन मंत्रियों में से एक हैं, जो विधायक दल की सोमवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए।

जयपुरः ‘‘मैं बोलता हूं, तो इल्ज़ाम है बग़ावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है’’.... कांग्रेस के खिलाफ बगावती रुख अपना चुके राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी एवं राज्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मंगलवार सुबह जब यह ट्वीट किया तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने न केवल इस पर दाद दी, बल्कि इसे रिट्वीट भी किया।

राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच नेता सोशल मीडिया पर शेरो शायरी के जरिए विरोधी खेमे पर तंज कसने से नहीं चूक रहे। सिंह ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘मैं बोलता हूं तो इल्ज़ाम है बग़ावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।’’ इस ट्वीट को डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों ने साझा किया, जिनमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पूनिया भी शामिल हैं। पूनिया ने इसके साथ ही टिप्पणी की, ‘‘वाह राजा साहब,बेहद खूब; बेअंदाज है आपके निराले अंदाज़। आप न तो इल्जाम की परवाह करते हैं; न आप बेबस हो सकते हैं। जय हो, विजय हो आपकी।’’

वहीं, भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘कुशासन के विरोध में आवाज उठाना ही सही मायने में वर्तमान का सेवाधर्म और प्राचीन काल का राजधर्म है। आपने एक सच्चे नायक होने का एहसास दिलाया है। वर्तमान का घटनाक्रम राजस्थान की कांग्रेस सरकार के जनविरोधी शासन का परिचायक है।’’ इसके बाद सिंह ने एक और ट्वीट किया, ‘‘मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि ग़ा लिबन सच कहने का लुत्फ़ उठाता हूं मैं।’’

उल्लेखनीय है कि सिंह गहलोत सरकार के उन तीन मंत्रियों में से एक हैं, जो विधायक दल की सोमवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए। पायलट खेमे के एक और विधायक मुकेश भाकर ने भी सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है।’’ हालांकि इसे लेकर वह काफी ट्रोल भी हुए। राजस्थान के इस सियासी नाटक के केंद्र में मौजूद सचिन पायलट इस बारे में सोशल मीडिया पर चुप हैं। 

टॅग्स :राजस्थानजयपुरअशोक गहलोतसचिन पायलटकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा