राजस्थान का सियासी ड्रामाः गवर्नर ने विधानसभा सत्र बुलाने से किया इंकार, 15 दिन से जारी है गतिरोध
By धीरेंद्र जैन | Published: July 24, 2020 08:49 PM2020-07-24T20:49:36+5:302020-07-24T20:49:36+5:30
राज्यपाल के इंकार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने राजभवन के लाॅन में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में धरना दिया और मुख्यमंत्री के पक्ष में नारेबाजी करते हुए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। राज्यपाल कलराज मिश्र ने बाहर निकलकर मुलाकात भी की किन्तु वे सत्र बुलाये जाने को लेकर धरने पर बैठ गये।
जयपुरः राजस्थान के गत 15 दिनों से जारी सियासी ड्रामे में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल से मिले।
इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल को पत्र भी लिखा था लेकिन उसका कोई उत्तर अब तक प्राप्त नहीं हुआ और आज राज्यपाल ने भेंट के दौरान मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ विधायकों से कहा कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच विधानसभा सत्र बुलाया जाना संभव नहीं है।
राज्यपाल के इंकार से नाराज कांग्रेस विधायकों ने राजभवन के लाॅन में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में धरना दिया और मुख्यमंत्री के पक्ष में नारेबाजी करते हुए विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। राज्यपाल कलराज मिश्र ने बाहर निकलकर मुलाकात भी की किन्तु वे सत्र बुलाये जाने को लेकर धरने पर बैठ गये।
राज्यपाल ने कहा कि इतने कम समय में सत्र बुलाना संभव नहीं है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यदि सत्र न बुलाने का कारण कोरोना है तो हम सभी 200 विधायकों का कोरोना टेस्ट करवाने को तैयार है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें आशा थी कि देर रात तक राज्यपाल महोदय सत्र बुलाने के आदेश दे देंगे।
किन्तु अब तक आशानुरूप उत्तर नहीं आया। जब मुख्यमंत्री द्वारा अनुरोध किया जाता है तो राज्यपाल महोदय को स्वीकार करना ही पड़ता है, अनुरोध को अस्वीकार करने का कारण मेरी समझ से परे है। कहीं वे ऊपर से दबाव के चलते तो यह नहीं कर रहे?
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्यपाल को पत्र द्वारा और प्रत्यक्ष रूप से मिलकर सोमवार से सत्र बुलाने की मंशा जताते हुए कहा था कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है। जबकि हमारे कुछ साथियों को भाजपा के लोगों ने बंदी बना रखा है। भाजपा कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में भी सरकार गिराने की साजिश कर रही है। हम राज्यपाल से आग्रह करते है कि आप अंतरआत्मा की आवाज को सुनकर निर्णय ले, अन्यथा यदि प्रदेश की जनता ने राजभवन का घेराव किया जो उसके लिए हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
राज्यपाल के आश्वासन के बाद कांग्रेस विधायकों का धरना समाप्त
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के आश्वासन के बाद कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों का राजभवन में धरना शुक्रवार की रात समाप्त हो गया। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राज्यपाल से मिलने गए थे और उसके बाद वहां धरने पर बैठ गए। राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में बिना किसी दबाव और द्वेष के संविधान का अनुपालन करेंगे।
राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि राज्यपाल मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर कुछ सवाल पूछे हैं। मंत्रिमंडल उन पर विचार कर जवाब राज्यपाल को भिजवाएगा। शर्मा ने कहा, ‘‘राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं और उनका पूरा सम्मान है। जिस तरह से उन्होंने आश्वस्त किया है, हमें उनकी मंशा पर कोई संदेह नहीं करना चाहिए। उन्होंने (राज्यपाल) कहा है कि मेरे कुछ सवाल हैं, आप मंत्रिमंडल में उन पर विचार कर उनका जवाब मुझे भिजवा दीजिए, मैं संविधान के अनुसार ही कोई फैसला लूंगा।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘अभी रात साढ़े नौ बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है जिन पर राज्यपाल के बिंदुओं पर चर्चा होगी। उनका जवाब आज ही उन्हें भेज दिया जाएगा।’’ इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, ‘‘राज्यपाल ने कहा है कि वह बगैर किसी दबाव और द्वेष के संविधान की अनुपालना करेंगे।
उन्होंने कहा है कि कुछ टिप्पणियां लिखकर उन्होंने एक छोटा सा आदेश मुख्यमंत्री को भेजा है। जैसे ही मंत्रिमंडल उन टिप्पणियों को निदान कर देगा तो संविधान की धारा 174 के तहत वह संविधान की अनुपालना के लिए कर्तव्यबद्ध हैं।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हमें राज्यपाल के इस आश्वासन पर विश्वास है।’’
Rajasthan: Congress MLAs, supporting CM Ashok Gehlot, leave from Raj Bhawan where the had sat in protest and raised slogans over the issue of the convening of Assembly Session.
— ANI (@ANI) July 24, 2020
Chief Minister had met Governor Kalraj Mishra today & has now called a cabinet meet at 9:30 pm. https://t.co/6dTlMBv8mIpic.twitter.com/mag0K3DDVA