सियासी सवालः क्या कांग्रेस के खाद-पानी से बीजेपी की राजनीतिक फसल तैयार होगी?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: August 5, 2020 05:42 PM2020-08-05T17:42:03+5:302020-08-05T17:42:03+5:30
सीएम अशोक गहलोत ने उनके सियासी सपनों पर पानी फेर दिया है, जिसके कारण बीजेपी बैक फुट पर है. यदि अब तक का राजनीतिक घटनाक्रम देखें तो इस दौरान बीजेपी की पाॅलिटिकल इमेज ही खराब हुई है, हालांकि उसे थोड़ा फायदा भी हुआ है, परन्तु इसकी बहुत बड़ी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी है....
जयपुरः जिस कांग्रेस को बीजेपी नेता भ्रष्ट करार देते रहे हैं, बड़ा सवाल यह है कि- क्या उन्हीं भ्रष्ट कांग्रेसियों के दम पर बीजेपी की सियासी फसल तैयार होगी? और, ऐसी हालत में वर्षों तक बीजेपी के लिए संघर्ष करने वाले मूल भाजपाइयों का क्या होगा?
राजस्थान में भी ऑपरेशन लोटस जारी जरूर है, लेकिन फिलहाल तो सीएम अशोक गहलोत ने उनके सियासी सपनों पर पानी फेर दिया है, जिसके कारण बीजेपी बैक फुट पर है. यदि अब तक का राजनीतिक घटनाक्रम देखें तो इस दौरान बीजेपी की पाॅलिटिकल इमेज ही खराब हुई है, हालांकि उसे थोड़ा फायदा भी हुआ है, परन्तु इसकी बहुत बड़ी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी है....
बीजेपी की सबसे बड़ी सफलता होती, यदि वह एमपी की तरह कांग्रेस के मुख्यमंत्री को हटाकर बीजेपी का मुख्यमंत्री बना पाती, किन्तु अभी ऐसी कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. बीजेपी सफल होती यदि सीएम गहलोत को हटाने में कामयाब हो जाती, परन्तु अभी ऐसे हालात नजर नहीं आ रहे हैं, बल्कि परिस्थितियां तो बता रही हैं कि बहुमत सीएम गहलोत के पास है.
जाहिर है, यह बात बीजेपी को भी पता है, इसीलिए, बीजेपी कांग्रेस को एमपी की तरह फ्लोर टेस्ट की चुनौती नहीं दे रही है. बीजेपी की आंशिक सफलता यह है कि कांग्रेस विधायक दल में दरार पड़ गई है, लेकिन यदि समय रहते पायलेट खेमे के विधायकों की घर वापसी हो गई, तो यह सफलता भी इतिहास बन कर रह जाएगी.
इस सारे सियासी घटनाक्रम में बीजेपी के लिए दो संदेश साफ हैं....
एक- कांग्रेस के विधायक बगावत तो कर सकते हैं, लेकिन एमपी की तरह उन्हें बीजेपी में शामिल करना आसान नहीं है.
दो- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सियासी उपेक्षा करके बीजेपी राजस्थान में कामयाब नहीं हो सकती है.
हालांकि, राजनीति में कब क्या हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है, परन्तु फिलहाल तो राजस्थान में ऑपरेशन लोटस बेदम हो चुका है!