राजस्थान में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर राज्यपाल कलराज मिश्र के पास 31 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है। इस बार अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र का एजेंडा कोरोना बताया है। दिलचस्प ये है राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव में फ्लोर टेस्ट का कोई जिक्र नहीं है।
इससे पहले राज्यपाल ने ये कहते हुए अशोक गहलोत के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था कि किसी तारीख या एजेंडे के बारे में उन्हें नहीं बताया गया था। बता दें कि गहलोत खेमे के कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को राज भवन के प्रांगण में पांच घंटे तक धरना दिया था। उन्होंने नारेबाजी की और राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा का सत्र बुलाये जाने की मांग की थी।
शनिवार रात मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए संशोधित प्रस्ताव शनिवार रात को मंजूर किया। इस बीच शनिवार को ही भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला। उसने राजस्थान में अराजकता का वातावरण पैदा होने की बात करते हुए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा पर राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया। भाजपा ने इन प्रदर्शनों पर आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इनमें एक दूसरे से दूरी बनाने जैसे नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। सचिन पायलट खेमे के विद्रोह के बाद गहलोत सरकार पर संकट छाया हुआ है। दोनों खेमे राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं।