नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कोरोना काल में देश की अर्थव्यस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''लघु और मध्यम उद्यम नष्ट हो गए। बड़ी कंपनियां गंभीर तनाव में हैं। बैंक संकट में हैं। जब मैंने महीनों पहले आर्थिक सुनामी के लिए देश को चेताया था तो बीजेपी और मीडिया ने सच बोलने पर मेरा मजाक उड़ाया था।'' राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ लोन मोरैटोरियम के कारण बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) में गिरावट को लेकर एक खबर शेयर कर अपनी बात रखी है।
राहुल गांधी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार मोदी सरकार पर साध रहे हैं निशाना
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी मंगलवार (7 जुलाई) को कहा कि देश में 'आर्थिक कुप्रबंधन' चल रहा है। राहुल गांधी ने देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट के पूर्वानुमान से जुड़ी कुछ रिपोर्ट को शेयर कर लिखा, 'भारत का आर्थिक कुप्रबंधन एक त्रासदी है जो लाखों परिवारों को बर्बाद करने वाला है। इसे अब मौन रहकर स्वीकार नहीं किया जाएगा।'
कोविड-19 संक्रमण का लगातार प्रसार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम: आईएमएफ ने जून में जारी की रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का मानना है कि कोविड-19 संक्रमण का लगातार प्रसार भारत के वृद्धि दर के अनुमान के लिए सबसे बड़ा जोखिम है। आईएमएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने 30 जून को कहा कि भारत में यह स्वास्थ्य संकट अभी तक नियंत्रण में नहीं आया है। आईएमएफ ने कहा कि भारत के निकट भविष्य के वृद्धि दर परिदृश्य पर वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर सुस्ती और कोरोना वायरस को लेकर अनिश्चितता की वजह से जोखिम के बादल मंडरा रहे हैं।
आईएमएफ के एशिया एवं प्रशांत विभाग के निदेशक चांग यान्ग री के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा जोखिम कोविड-19 का लगातार प्रसार है, क्योंकि अभी तक यह स्वास्थ्य संकट नियंत्रण में नहीं आया है। इसके अलावा महामारी पर अंकुश के लिए अतिरिक्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ सकती है। वायरस को लेकर चिंता से उपभोक्ताओं का भरोसा डगमगा सकता है और अर्थव्यवस्था में सुधार में विलंब हो सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आने के आसार : आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने जून के आखिरी हफ्ते में अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी। उसने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी और इसकी रोकथाम के उपायों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण इतनी बड़ी गिरावट आने का अनुमान है। हालांकि मु्द्राकोष का अनुमान है कि 2021 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6.0 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है।