'मुस्लिमों की पार्टी' पर राहुल ने दिया जवाब, कहा- आखिरी आदमी के साथ हूं, मैं कांग्रेस हूं
By भाषा | Published: July 17, 2018 02:47 PM2018-07-17T14:47:35+5:302018-07-17T15:05:37+5:30
हाल ही में एक उर्दू दैनिक ने दावा किया था कि गांधी ने मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में कहा था कि 'कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।'
नई दिल्ली, 17 जुलाईः 'मुस्लिम पार्टी' होने संबंधी अपने कथित बयान को लेकर खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि उनकी पार्टी शोषितों, दबे-कुचले लोगों और कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के साथ है और उसके लिए व्यक्ति का धर्म, जाति या आस्था मायने नहीं रखती। गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस संपूर्ण मानवता से प्रेम करती करती है।
उन्होंने कांग्रेस का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा, 'मैं कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति के साथ हूं। शोषितों, हाशिये के लोगों और दबे-कुचले लोगों के साथ हूं। मेरे लिए उनका धर्म, जाति या आस्था मायने नहीं रखता। जो लोग तकलीफ में हैं, उनके साथ हूं और उनको अपनाता हूं। मैं घृणा और भय को खत्म करता हूं। मैं कांग्रेस हूं।
I stand with the last person in the line. The exploited, marginalised and the persecuted. Their religion, caste or beliefs matter little to me.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2018
I seek out those in pain and embrace them. I erase hatred and fear.
I love all living beings.
I am the Congress.
गौरतलब है कि हाल ही में एक उर्दू दैनिक ने दावा किया था कि गांधी ने मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में कहा था कि 'कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।' कांग्रेस ने इस खबर को 'कोरी अफवाह' करार दिया है और दावा किया है कि असल मुद्दों और 'नरेंद्र मोदी सरकार की विफलताओं' से ध्यान भटकाने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को खुली चुनौती दी कि वह साबित करके दिखाए कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दल को 'मुस्लिम पार्टी' कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस मामले में देश के लोगों को गुमराह करने के लिये झूठ फैला रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की पार्टी है जिसने देश को आजादी दिलायी थी। यह हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों की पार्टी है। कौन कहता है कि यह एक समूह विशेष की पार्टी है। मोदी सरकार के मंत्रियों के पास अपने विभाग के बारे में बात करने की फुर्सत नहीं है, लेकिन वे अन्य विषयों पर मीडिया को सम्बोधित करने में खूब दिलचस्पी लेते हैं।
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