पटनाः बिहार में सत्ता से वंचित रह गई राजद ने अब अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर मीडिया कर्मियों के लिए फरमान जारी करते हुए सुबह 11 बजे से पहले पार्टी कार्यालय में मीडिया कर्मियों की प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के द्वारा यह फरमान जारी किया गया है. फरमान में कहा गया है कि मीडियाकर्मी 11 बजे के बाद ही कार्यालय में प्रवेश कर सकते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संबंध में पार्टी कार्यालय के गेट पर मीडिया कर्मियों के लिए फरमान को चिपका दिया गया है.
जिसमें साफ-साफ लिखा है कि सभी इलेक्ट्रोनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और छायाकार मित्रों से अनुरोध है कि कार्य दिवस अवधि में पूर्वाहन 11 बजे दिन के बाद ही प्रदेश राजद कार्यालय में आने की कृपा की जाए. वैसे राजद के द्वारा लगातार कुछ न कुछ ऐसे फरमान जारी करता रहता है, जो हमेशा सुर्खियों का विषय बना रहता है. अब ऐसे में विरोधी दलों का कहना है ये फरमान कहीं न कहीं मीडिया के स्वतंत्रता पर हमला है.
राजद पहले भी मीडिया पर प्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया पर हमला करता आया
वैसे राजद पहले भी मीडिया पर प्रत्यक्ष रूप से सोशल मीडिया पर हमला करता आया है. प्रदेश कार्यालय के मुख्य गेट पर चस्पा किये गये पत्र में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा है कि मीडिया के मित्रों से अपेक्षा है कि कार्यालय परिसर में प्रवक्ता या अन्य नेताओं से बाइट न लें बल्कि प्रवक्ता कक्ष में न्यूज संग्रह कर लें. राजद के इस फरमान के बाद कई मीडियाकर्मियों चर्चा का विषय बना हुआ है.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्वीट करके राजद ने मीडिया पर हमला किया था, कि वो नीतीश कुमार की एडिटिंग करके न्यूज लगाते हैं. अब ऐसे में ये फरमान सीधा सीधा प्रेस की आजादी से भी जोड़ा जा सकता है. प्रदेश की कमान संभालने के बाद जगदानन्द सिंह लगातार राजद में नए-नए फरमान जारी करते रहे हैं. जगदानन्द सिंह की कार्यशैली को लेकर इसके पहले भी सवाल खड़े होते रहे हैं.
जगदानन्द सिंह ने पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को कतार में खड़ा करवा दिया था
लेकिन तेजस्वी के विश्वासपात्र जगदानंद सिंह पार्टी के अन्य नेताओं की परवाह किए बगैर एक के बाद एक नए फरमान जारी करते रहे हैं. बुधवार को प्रदेश कार्यालय में जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाई गई उस वक्त भी जगदानन्द सिंह ने पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को कतार में खड़ा करवा दिया था.
इसमें अब्दुल बारी सिद्धकी, श्याम रजक, तनवीर आलम, उदय नारायण चौधरी समेत तमाम नेताओं को कतार में खड़ा होना पड़ा था. तेजस्वी यादव ने सबसे पहले माल्यार्पण किया था और उसके बाद लाइन में खडे़ बाकी नेताओं ने.
जानकारों का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व की तरफ से कार्यालय में जो नया नोटिस लगाया गया है, उसका सीधा प्रभाव उन नेताओं पर पडे़गा जो सुबह से प्रदेश कार्यालय पहुंचकर मीडिया को बयान देते नजर आते थे. पूर्व मंत्री श्याम रजक, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी समेत अन्य नेता सुबह से मीडिया को किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध रहते थे, लेकिन अब इन सभी के ऊपर जगदानन्द सिंह के फरमान से अंकुश लग जाएगा.