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शरद पवार ने तस्वीर की साफ, कहा- महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार में कोई कलह नहीं

By भाषा | Updated: July 8, 2020 05:28 IST

अलग-अलग विचारधारा वाली तीन पार्टियों ने गत वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए हाथ मिलाया था। गत 29 जून को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था और राज्य में कोविड-19 मामलों के बढ़ने के मद्देनजर और छूट नहीं दी थी।  

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ठळक मुद्देशरद पवार ने कहा कि सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) में कोई कलह नहीं है। वह पुणे में व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

पुणेः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भेंट की और सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) में कोई कलह नहीं है। वह यहां व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। जब उनसे मुम्बई में ठाकरे के निवास मातोश्री में सोमवार को मुख्यमंत्री से हुई उनकी भेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन में मतभेद की अखबार की खबर उनके लिए समाचार है। 

उन्होंने कहा, ‘‘कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री से चर्चा का संबंध उन मुद्दों से था जो राज्य के समक्ष हैं तथा कोई अन्य मुद्दा था ही नहीं।’’ सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेद की खबर तब आयी थी जब मुम्बई में दस पुलिस उपायुक्तों के तबादले के गृह विभाग के आदेश को वापस लिया गया। 

गृह विभाग राकांपा के पास है। इस विषय में पवार का कहना था कि आईपीएस और आईएसए अधिकारियों का तबादला मुख्यमंत्री की मंजूरी से किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में राकांपा प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर ठाकरे के कामकाज से वह संतुष्ट हैं। 

तीन जुलाई को भी की थी पवार ने मुलाकात

बता दें, इससे पहले तीन जुलाई को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और अन्य मुद्दों को लेकर एक बैठक की थी। घंटे भर की यह बैठक इन खबरों के बीच हुई कि महाराष्ट्र में शिवसेना नीत महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार में शामिल राकांपा और कांग्रेस के मंत्री मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें विश्वास में लिए बिना निर्णय लिये जाने से अप्रसन्न हैं। अलग-अलग विचारधारा वाली तीन पार्टियों ने गत वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन के लिए हाथ मिलाया था। 

राकांपा दे रही है इस बात पर जोर

गत 29 जून को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था और राज्य में कोविड-19 मामलों के बढ़ने के मद्देनजर और छूट नहीं दी थी। राकांपा इस पर जोर देती रही है कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए आर्थिक गतिविधियां राज्य के उन क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बहाल की जाएं जो कोविड-19 संकट से अधिक प्रभावित हुए हैं। महाराष्ट्र में अभी तक देश में कोविड-19 के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। 

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