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बिहार में पुल तक जाने वाला नवनिर्मित रास्ता बाढ़ में बहा, विपक्ष ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया

By भाषा | Updated: July 17, 2020 06:04 IST

बिहार में सत्ताधारी जदयू के नेता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद तथा भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेजस्वी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विपक्षी नेता पर ''झूठ बोलने '' का आरोप लगाया है।

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ठळक मुद्देसत्तर घाट पुल तक पहुंचने के लिए हाल में बनायी गई सड़क बाढ़ में बह गयी हैविपक्ष और राजग गठबंधन में शामिल लोजपा दोनों ही ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है।

पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में सत्तर घाट पुल तक पहुंचने के लिए हाल में बनायी गई सड़क बाढ़ में बह गयी है, जिसे लेकर विपक्ष और राजग गठबंधन में शामिल लोजपा दोनों ही ने नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है।

बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बाढ़ में बह गए रास्ते की तस्वीर ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं राजग में शामिल लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट किया है, ‘‘264 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया।

जनता के पैसे से किया कोई भी काम अच्छी गुणवत्ता वाला होना चाहिए था। इस तरह की घटनायें जनता की नजर में जीरो करप्शन पर सवाल उठाती हैं। लोजपा माँग करती है की उच्च स्तरीय जाँच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करें।''

राजद के साथ विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि आखिर बिहार सरकार कितने दिनों में यह जांच पूरी करवाएगी कि इसके पीछे जिम्मेदार कौन हैं? वहीं बिहार सरकार ने इस रास्ते के बाढ़ में बह जाने संबंधी मीडिया में आयी खबरों को झूठ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लम्बाई के छोटे पुल तक पहुंचने का रास्ता क्षतिग्रस्त हुआ है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है।

गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर ज़्यादा है। इस कारण पुल तक जाने वाला रास्ता बह गया। यह पानी के अप्रत्याशित दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है।’’ बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1.4 किलोमीटर लंबाई वाला मुख्य सत्तर घाट पुल पूर्णत: सुरक्षित है और इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है।

उसमें कहा गया है, ‘‘यह प्राकृतिक आपदा है। विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।’’ बिहार में सत्ताधारी जदयू के नेता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद तथा भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेजस्वी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विपक्षी नेता पर ''झूठ बोलने '' का आरोप लगाया है।

टॅग्स :बिहारबिहार विधान सभा चुनाव २०२०तेजस्वी यादवनीतीश कुमार
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