न फायरब्रांड, न दक्षिणपंथी, मैं हूं मध्य-वाम मार्गी: नयी किताब में वरूण गांधी

By भाषा | Published: August 26, 2020 05:17 PM2020-08-26T17:17:26+5:302020-08-26T17:17:26+5:30

वरूण गांधी कहते हैं, ‘‘मैं समझता हूं कि यदि कोई विचारधारा या नीति के लिहाज से देखेगा तो मध्य-वाम मार्गी व्यक्ति हूं। मैं नैसर्गिक रूप से दक्षिणपंथी नहीं हूं।

Neither firebrand, nor right wing, I am the middle-left route: Varun Gandhi in the new book | न फायरब्रांड, न दक्षिणपंथी, मैं हूं मध्य-वाम मार्गी: नयी किताब में वरूण गांधी

फाइल फोटो.

Highlightsवरूण गांधी गांधी-नेहरू खानदान के हैं और स्वर्गीय संजय गांधी व भाजपा नेता मेनकk गांधी के सुपुत्र हैं।गांधी ने कहा कि वामपंथी नेता अक्सर उनके साथ मजाकिया लहजे में कहते हैं कि वह ‘‘भाजपा में वामपंथी’’ हैं।

भाजपा सांसद वरूण गांधी ने एक नयी किताब में खुद को ‘‘मध्य-वाम मार्गी’’ बताया है और कहा है कि नैसर्गिक रूप से वह ‘‘दक्षिणपंथी’’ नहीं है। उनके लेख उनके ‘‘लगातार प्रगतिशील और उदारपंथी’’ होने के दस्तावेज के रूप में गवाही देते हैं। हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘‘इंडिया टूमारो: कान्वर्सेशंस विथ द् नेक्स्ट जेनेरेशन ऑफ पॉलीटिकल लीडर्स’’ में वरूण ने वामपंथी धारा वाली आर्थिक और सामाजिक नीतियों की वकालत करने वाले ब्रिटेन के जेरेमी कोर्बिन और अमेरिका के बर्नी सेंडर्स को अपनी राजनीतिक प्रेरणा बताया।

यह पुस्तक देश के 20 भावी पीढ़ी के प्रमुख नेताओं के साक्षात्कार के मार्फत अपने पाठकों को समकालीन भारतीय राजनीति की एक झलक प्रस्तुत करती है। पुस्तक के लेखक प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह से साक्षात्कार में वरूण गांधी कहते हैं, ‘‘मैं समझता हूं कि यदि कोई विचारधारा या नीति के लिहाज से देखेगा तो मध्य-वाम मार्गी व्यक्ति हूं। मैं नैसर्गिक रूप से दक्षिणपंथी नहीं हूं। अगर आपने पिछले 10 सालों में मेरे लिखे सभी लेख पढ़े होंगे तो मेरा रिकार्ड लगातार प्रगतिशील और उदारपंथी होने का रहा है। एक व्यक्ति के रूप में मैं अपनी अंतर्रात्मा की आवाज सुन कर बड़ा हुआ हूं। ’’

वरूण गांधी गांधी-नेहरू खानदान के हैं और स्वर्गीय संजय गांधी व भाजपा नेता मेनकk गांधी के सुपुत्र हैं। साल 2004 में वे भाजपा में शामिल हुए। अपना पहला चुनाव उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जीतकर वह 2009 में संसद पहुंचे। संसद में अभी भी वे इसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। साक्षात्कार के दौरान वे खुद के कट्टर प्रगतिशील उदारपंथी होने के दावे को साबित करने के लिए आर्थिक असमानता, पर्यावरण न्याय और वंचित समाज के मुद्दों को उठाने का भी जिक्र करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘...प्रगतिशील बदलाव के लक्षणों वाले मुद्दों पर मैंने हमेशा पक्ष लिया है। ऐसे मुद्दों पर दक्षिणपंथियों के मुकाबले उदारपंथियों का मुझे 10 गुना अधिक प्यार और समर्थन मिलता है। वास्तव में तो कई दफा दक्षिणपंथी मुझ पर हमला भी बोलते हैं लेकिन उदारपंथियों के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ।’’ गांधी ने कहा कि वामपंथी नेता अक्सर उनके साथ मजाकिया लहजे में कहते हैं कि वह ‘‘भाजपा में वामपंथी’’ हैं। चालीस वर्षीय इस भाजपा नेता ने कहा कि उनके लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘‘फायरब्रांड’’ जैसे शब्दों से वह इत्तेफाक नहीं रखते।

साल 2009 में कथित घृणा भरे भाषण देने के लिए अक्सर उन्हें भाजपा का फयारब्रांड नेता कहा जाने लगा था। इस मामले में हालांकि अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। वरूण गांधी बताते हैं कि घृणा भरे कथित बयान की घटना के बाद उन्होंने हजारों काम किए हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी जिनमें दो कविताओं का संग्रह भी शामिल है। उन्होंने याद दिलाया कि वे एकमात्र सांसद थे जो लोकपाल विधेयक के समर्थन में अन्ना हजारे के धरने में शामिल हुए थे। यह पूछने पर कि क्या वजह रही कि एक प्रगतिशील उदारवादी सोच वाला एक शख्स, जो मध्य-वाम मार्गी है, भाजपा में है और क्यों नहीं अपनी सोच के अनुकूल किसी दूसरी पार्टी से जुड़ता है।

इसके जवाब में वरूण गांधी ने कहा कि वे 15 सालों से भाजपा में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘’मैंने पार्टी के भीतर अपने संबंधों को विकसित किया है। मेरे दोस्त हैं यहां। मैं समझता हूं कि भाजपा का कार्यकर्ता बहुत मेहनती और प्रतिबद्ध होता है। मैं दलीय राजनीति का बहुत बड़ा अनुयायी नहीं हूं। ईमानदारी से कहूं तो ऐसा भी नहीं है कि मैं इस बारे में बिल्कुल नहीं सोचता।’’

उन्होंने बताया कि भाजपा में ‘‘सत्ता का विकेंद्रीकरण’’ और ‘‘एक बड़े राजनीतिक ढांचे के भीतर विभिन्न बौद्धिक विषयों पर सहिष्णुता’’ जैसी कुछ चीजे हैं जो उन्हें बहुत अच्छी लगती है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि दक्षिणपंथी आवाजें पार्टी के भीतर तेज हैं लेकिन साथ ही वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी उदाहरण देते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी के अधिकांश समय में गांधीवादी समाजवाद की बात की। 

Web Title: Neither firebrand, nor right wing, I am the middle-left route: Varun Gandhi in the new book

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे