राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तमिलनाडु में विवाद, सीएम पलानीस्वामी ने कहा- नहीं लागू होने देंगे 3-भाषा फॉर्मूला

By विनीत कुमार | Published: August 3, 2020 11:50 AM2020-08-03T11:50:20+5:302020-08-03T11:53:59+5:30

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर तमिलनाडु में विवाद और गहरा गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने नई नीति में 3 भाषा फॉर्मूला को दुखद और निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि वे इसे राज्य में लागू नहीं होने देंगे।

National Education Policy NEP Tamil Nadu cm K Palaniswami says wont allow 3 language formula | राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर तमिलनाडु में विवाद, सीएम पलानीस्वामी ने कहा- नहीं लागू होने देंगे 3-भाषा फॉर्मूला

राष्ट्रीय शिक्षा नीति तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी का विरोध (फोटो- एएनआई)

Highlightsतमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने एनईपी में तीन भाषाओं के फॉर्मूले को निराशाजनक बताया पलानीस्वामी ने कहा- दशकों से हम दो भाषाओं के फॉर्मूले को अपना रहे हैं, इसमें बदलाव नहीं होगा

पिछले ही हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट से मिली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 पर विवाद सामने आया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने एनईपी का विरोध जताते हुए कहा है कि इसमें तीन भाषाओं का फॉर्मूला 'दुखद और निराश' करने वाला है।

पलानीस्वामी ने पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्रियों अन्ना दुरई, एमजीआर और जयललिता का जिक्र करते हुए हिंदी को जबरन लागू नहीं करने की बात कही। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस विषय पर फिर से विचार करने का भी आग्रह किया।

पलानीस्वामी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'एनईपी में तीन भाषाओं वाला फॉर्मूला निराशाजनक है। मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि इस पर फिर से विचार किया जाए। राज्यों को नीतियों को लागू करने दिया जाए। हम दशकों से दो भाषाओं की नीति को अपना रहे हैं। इसमें आगे कोई बदलाव नहीं होगा।' 

मुख्यमंत्री ने 1965 में तमिलनाडु में छात्रों द्वारा हिंदी के विरोध में किए गए प्रदर्शनों का भी जिक्र किया जब कांग्रेस सरकार की ओर से हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने की कोशिश की गई थी।


हालांकि, नई शिक्षा नीति में राज्यों पर ये फैसला छोड़ा गया है कि वे किस तीन भाषा को शामिल किया जाएगा। इसके बावजूद तमिलनाडु में राजनीतिक पार्टियां इसे केंद्र की ओर से राज्य में हिंदी लागू कराने की एक कोशिश के तौर पर देख रही हैं। 

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को कहा था कि किसी भी राज्य पर केंद्र कोई भाषा थोपने की कोशिश नहीं करेगी। तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति का विरोध करने वालों का कहना है कि केन्द्र सरकार इसके माध्यम से हिन्दी और संस्कृत को थोपना चाहती है।

निशंक ने इस विवाद पर रविवार को तमिल भाषा में ट्वीट कर कहा, ‘मैं एकबार फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि केन्द्र सरकार किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी।’ 

गौरतलब है कि एम.के. स्टालिन नीत द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों ने तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति का विरोध करते हुए इसकी समीक्षा की मांग की है। शनिवार को डीएमके चीफ ने कहा था कि नई नीति हिंदी और संस्कृत को थोपने की कोशिश है और वे दूसरी राजनीतिक पार्टियों सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर इसका विरोध करेंगे।

स्टालिन ने ये आरोप भी लगाया कि अगर यह नीति लागू की गई तो एक दशक में शिक्षा सिर्फ कुछ लोगों तक सिमट कर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव बर्बाद हो जाएंगे, ‘गरीब और गरीब हो जाएंगे।’

English summary :
Palaniswamy, referring to former late Chief Ministers Annadurai, MGR and Jayalalithaa, spoke of not forcibly implementing Hindi. He also urged Prime Minister Narendra Modi to reconsider the subject.


Web Title: National Education Policy NEP Tamil Nadu cm K Palaniswami says wont allow 3 language formula

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