भोपाल:मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान किया है। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंपा है। इसी बीच शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के इस्तीफा पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अपने अंतर्विरोधो के कारण अगर सरकार गिर जाए और कांग्रेस के मित्र ही अगर संतुष्ट नहीं रह पाए तो हम कुछ नहीं कर सकते।
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा कभी भी सरकार गिराने और बचाने के खेल में नहीं रही। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के मित्र ही प्रदेश की बदहाली देखकर नाराज हो गए।
आपको बता दें कि इस्तीफे के बाद कमलनाथ ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि उम्मीदों और विश्वास की हार हो गई। इसके साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट कर ये भी कहा, 'आज मध्यप्रदेश की उम्मीदों और विश्वास की हार हुई है, लोभी और प्रलोभी जीत गए हैं। मध्यप्रदेश के आत्मसम्मान को हराकर कोई नहीं जीत सकता। मैं पूरी इच्छाशक्ति से मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करता रहूंगा।'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मै प्रदेश की जनता का धन्यवाद व आभार मानता हूं, जिन्होंने इन 15 माह में मुझे पूर्ण सहयोग प्रदान किया। आपके प्रेम -स्नेह - सहयोग की बदौलत ही मेरी सरकार ने इन 15 माह में प्रदेश की तस्वीर बदलने का कार्य किया है।'
इसके अलावा उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कि हमारी सरकार ने 15 महीने में प्रदेश को नई दिशा देने की कोशिश की है। इन 15 महीनों के दौरान हमने क्या गलती की है। प्रदेश पूछ रहा है कि उनका क्या कसूर है। बीजेपी ने 22 विधायकों को लालच देकर कर्नाटक में बंधक बनाने का काम किया। इसकी सच्चाई देश की जनता देख रही है। करोड़ों रुपये खर्च करके यह खेल खेला गया। पहले दिन से ही बीजेपी ने षड्यंत्र किया। प्रदेश के साथ धोखा करने वाली बीजेपी को जनता माफ नहीं करेगी।
इससे पहले कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गुरुवार को उस समय जोरदार झटका लगा था जब सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए शुक्रवार को सदन की विशेष बैठक बुलाने का अध्यक्ष एन पी प्रजापति को निर्देश दिया और कहा कि यह प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी।
बेंगलुरू में डेरा डाले कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के बारे में शीर्ष अदालत ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इनके द्वारा उठाये गए किसी भी कदम से नागरिकों के रूप में इनके अधिकारों में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होगा।