मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन नहीं रहे, लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में निधन
By विनीत कुमार | Published: July 21, 2020 07:31 AM2020-07-21T07:31:26+5:302020-07-21T07:55:22+5:30
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 85 साल के थे। लालजी टंडन पिछले करीब डेढ़ महीने से बीमार चल रहे थे।
मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का देहांत हो गया है। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका निधन मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में हुआ। वे 85 वर्ष के थे। यूपी सरकार में मंत्री और बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'बाबूजी नहीं रहे।'
वहीं, मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने बताया, 'मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर निधन हो गया।' लालजी टंडन का अंतिम संस्कार गुलाला घाट चौक में शाम साढ़े चार बजे होगा।उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
टंडन पिछले कई दिनों से बीमार थे और करीब डेढ़ महीने से उनका इलाज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। उनके किडनी और लिवर में परेशानी थी। उन्हें 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्कत के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था।
बाबूजी नहीं रहे
— Ashutosh Tandon (@GopalJi_Tandon) July 21, 2020
लालजी टंडन की खराब तबियत को देखते हुए पिछले ही महीने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। अटल बिहार वाजपेयी के करीबी रहे लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया था। इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
लालजी टंडन का सफरनामा
लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 के करीब शुरू हुआ। हालांकि, उन्होंने 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था। बाद में उनकी मुलाकात अटल बिहार वाजपेयी से हुई। अटल बिहारी वाजपेयी ने जब लखनऊ की सीट छोड़ी तो लालजी टंडन को ये सीट मिली।
उन्होंने यहां से 2009 में लोकसभा चुनाव भी जीता और लखनऊ से सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। वे दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रहे। साथ ही तीन बार विधायक भी रहे। यूपी विधानसभा में वे नेता प्रतिपक्ष भी रहे।